Dry fruits and Indian sweets Expensive: भारत में महंगे हुए ड्राइफ्रूट्स!.. ईरान-इजरायल जंग का असर, मिठाइयों के दाम छू सकते हैं आसमान

अगर युद्ध जारी रहा तो भारत में कई रोजमर्रा के सामान और औद्योगिक उत्पाद महंगे हो सकते हैं, खासकर वो जो ईरान और इजरायल से आयात होते हैं। उदाहरण के लिए देखें तो इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट, उर्वरक, इंडस्ट्रियल सॉल्ट्स, केमिकल और प्लास्टिक, फल, मेवे और खाद्य तेल, लोहा, स्टील और मशीनरी महंगे हो सकते हैं।

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  • Publish Date - June 20, 2025 / 02:03 PM IST,
    Updated On - June 20, 2025 / 02:04 PM IST

Dry fruits and Indian sweets could get more Expensive | Images- BuzZ Basket FILE

HIGHLIGHTS
  • ईरान-इजरायल युद्ध से सूखे मेवों की आपूर्ति प्रभावित,
  • भारत में मिठाई और ड्राइफ्रूट्स के दाम में उछाल,
  • पाकिस्तान में तेल संकट से सीमावर्ती जिले सबसे ज्यादा प्रभावित,

Dry fruits and Indian sweets could get more Expensive: नई दिल्ली: खाड़ी देश इजरायल और ईरान के बीच जारी भीषण जंग का असर पूरी दुनिया समेत भारत पर भी देखें को मिल रहा है। ईरान से आयत होने वाले सूखे मेवे की खेप में रुकावट और भारत में बढ़ती डिमांड की वजह से देश में ड्राइफ्रूट्स के दाम में बढ़ोतरी के आसार है। इसका असर मिठाई और दूसरे मीठे व्यंजनों पर भी देखें को मिल सकता है। आशंका जताई जा रही है कि सूखे मेवे के कीमतों में 10 से 15 फ़ीसदी तक इजाफा हो सकता है।

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दरअसल भारत अफगानिस्तान और ईरान से बड़े पैमाने पर सूखे मेवों का आयात करता है। इनमें अखरोट, बादाम, किशमिश, खजूर और पिस्ता जैसे ड्राइफ्रूट्स शामिल है। पहले ये ड्राई फ्रूट्स पाकिस्तान के रास्ते भारत आते थे लेकिन हाल के तनाव के चलते अब इन्हें ईरान के चाबहार बंदरगाह से भेजा जाता है। अब ईरान भी जंग की चपेट में है, जिससे सूकल्हे मेवों की आपूर्ति रुक गई है। दिल्ली के थोक बाजारों में ड्राइफ्रूट्स की कीमतें 5 से 10 गुना तक बढ़ गई हैं। अगर जल्द आपूर्ति बहाल नहीं होती, तो आने वाले दिनों में ये दाम और बढ़ सकते हैं।

पाकिस्तान में छाया तेल का संकट

Dry fruits and Indian sweets could get more Expensive: गौरतलब है कि, दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध का असर अब दुनिया के कई देशों में देखने को मिल रहा है। ईरान के पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में ईंधन संकट की स्थिति आ गई है और वहां की सरकार को पेट्रोल और डीजल का दाम बढ़ाना पड़ा है। वहीं तेल की आपूर्ति बाधित होने से बलूचिस्तान प्रांत में हालात बिगड़ गए हैं और करीब 60 से 70 फीसदी पेट्रोल पंप बंद हो चुके हैं।

रिपोर्ट्स की मानें तो मकरान, रक्शान और चगाई क्षेत्रों के माध्यम से ईरानी तस्करी के तेल की आपूर्ति निलंबित हो गई है। लिहाजा पाकिस्तान में अब ईधन की किल्लत हो गई है। पाकिस्तान के बलूचिस्तान के सीमावर्ती जिले जैसे तुरबत, ग्वादर, पंजगुर, चगाई और वाशुक-सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ये इलाके पारंपरिक रूप से ईरान से होने वाली ईंधन और खाद्य सामग्री की आपूर्ति पर निर्भर हैं।

पाकिस्तान में बढ़ाई गई पेट्रोल और डीजल के रेट

Dry fruits and Indian sweets could get more Expensive: पाकिस्तान की केंद्रीय सरकार ने पेट्रोल की दरें 4.80 रुपये और डीजल की दरें 7.95 रुपये प्रति लीटर बढ़ा दी है। इस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में हाई-स्पीड डीजल (एचएसडी), जिसकी कीमत पहले 254.64 रुपये प्रति लीटर थी, अब 262.59 रुपये में बेचा जाएगा। इसी तरह, पेट्रोल, जिसकी कीमत 253.63 रुपये प्रति लीटर थी, अब 258.43 रुपये में मिलेगा।

भारत में भी हो सकता है ये असर

अगर युद्ध जारी रहा तो भारत में कई रोजमर्रा के सामान और औद्योगिक उत्पाद महंगे हो सकते हैं, खासकर वो जो ईरान और इजरायल से आयात होते हैं। उदाहरण के लिए देखें तो इलेक्ट्रॉनिक्स और गैजेट, उर्वरक, इंडस्ट्रियल सॉल्ट्स, केमिकल और प्लास्टिक, फल, मेवे और खाद्य तेल, लोहा, स्टील और मशीनरी महंगे हो सकते हैं।

प्रश्न 1: भारत में ड्राइफ्रूट्स की कीमतें क्यों बढ़ रही हैं?

ईरान और इज़रायल के बीच चल रहे युद्ध के कारण ईरान से ड्राइफ्रूट्स की आपूर्ति प्रभावित हुई है। इसके साथ ही भारत में डिमांड बढ़ने से कीमतों में 10 से 15% तक बढ़ोतरी की संभावना है।

प्रश्न 2: इस संकट का असर भारत में और किन चीजों पर पड़ सकता है?

युद्ध के कारण न सिर्फ ड्राइफ्रूट्स, बल्कि मिठाइयों, खाद्य तेल, उर्वरक, इलेक्ट्रॉनिक्स, केमिकल्स, और स्टील जैसे कई उत्पादों की कीमतें बढ़ सकती हैं।

प्रश्न 3: पाकिस्तान में ईंधन संकट का इस मसले से क्या संबंध है?

ईरान से तस्करी के जरिए तेल की आपूर्ति रुकने से पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल की भारी किल्लत हुई है, जिससे बलूचिस्तान जैसे सीमावर्ती इलाकों में हालात बिगड़ गए हैं। यह क्षेत्रीय अस्थिरता को और बढ़ा सकता है।