now landless agricultural laborers of Nagar Panchayats will get benefits

अब नगर पंचायत और नगरपालिका के निवासी भी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे

अब नगर पंचायत और नगरपालिका के निवासी भी राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के लिए आवेदन कर सकेंगे

Edited By :   Modified Date:  April 5, 2023 / 09:25 AM IST, Published Date : April 5, 2023/9:20 am IST

रायपुर । मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल ने प्रदेश की जनता को ध्यान में रखकर राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना का विस्तार ग्राम पंचायत क्षेत्रों के साथ-साथ नगर पंचायतों एवं अनुसूचित क्षेत्र की नगर पालिकाओं में किया गया है। राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रदेश में इस योजना के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में हितग्राहियों से नवीन आवेदन प्राप्त कर डाटाएन्ट्री का कार्य करने के लिए समय-सारणी जारी कर दी गई है। समय-सारणी के अनुसार ‘राजीव गांधी भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना‘ के नवीन आवेदन प्राप्त करने की तिथि 1 अप्रैल से 15 अप्रैल 2023 तक निर्धारित की गई है। पोर्टल में डाटा प्रविष्टि करने की अंतिम तिथि 22 अप्रैल 2023 तक, तहसीलदार द्वारा पंजीकृत आवेदनों के निराकरण की अंतिम तिथि 30 अप्रैल 2023 तक, आवेदनों की स्वीकृति/अस्वीकृति पश्चात ग्राम पंचायत/नगर पंचायत/नगर पालिका क्षेत्रों पर प्रकाशन कर दावा आपत्ति का ग्राम सभा/सामान्य सभा में निराकरण की अंतिम तिथि 8 मई 2023 निर्धारित की गई है। सामान्य सभा के निर्णय अनुसार पोर्टल में अद्यतीकरण की तिथि 14 मई 2023 तथा अंतिम सत्यापित सूची के प्रकाशन की तिथि 15 मई 2023 निर्धारित की गई है।

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राजस्व आपदा प्रबंधन विभाग के सचिव नीलम नामदेव एक्का ने समस्त कलेक्टर, जिला पंचायत के समस्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, मुख्य नगर पालिका अधिकारी, नगर पंचायत तथा नगर पालिका को ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों में ऑनलाईन प्रविष्टि एवं समय-सीमा में किए जाने वाले कार्यों की कार्ययोजना प्रेषित कर समय-सारणी के अनुसार निर्धारित समय-सीमा में कार्य पूर्ण करने के निर्देश दिए है।

हितग्राही परिवार की पात्रता-

इस योजना की पात्रता केवल छत्तीसगढ़ के मूलनिवासियों को होगी। ग्राम पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रों में निवासरत् भूमिहीन कृषि मजदूर परिवार जिनके पास कृषि भूमि नहीं है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए पात्र होंगे। पट्टे पर प्राप्त शासकीय भूमि तथा वन अधिकार प्रमाण पत्र से प्राप्त भूमि को कृषि भूमि माना जाएगा। ग्राम पंचायत तथा नगर पंचायत क्षेत्रों के भूमिहीन कृषि मजदूर परिवारों के अंतर्गत चरवाहा, बढ़ई, लोहार, मोची, नाई, धोबी, पुरोहित जैसे पौनी-पसारी व्यवस्था से जुड़े परिवार, वनोपज संग्राहक तथा समय-समय पर नियत अन्य वर्ग भी पात्र होंगे, यदि उस परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है।

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अनुसूचित क्षेत्रों के ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के आदिवासियों के देवस्थल में पूजा करने वाले व्यक्ति जिन्हें पुजारी, बैगा, गुनिया, मांझी आदि नामों से जाना जाता है, तथा आदिवासियों के देव स्थल के हाट पाहार्या एवं बाजा मोहरिया, कृषि भूमि धारण करने के बावजूद योजनांतर्गत पात्र होंगें। परंतु इस वर्ग के वे परिवार जो शासन से सामायिक भत्ता, आर्थिक सहायता अन्य योजना में प्राप्त कर रहे हों, पात्र नहीं होंगे।

भूमिहीन कृषि मजदूर-

ऐसा व्यक्ति जो कोई कृषि भूमि धारण नहीं करता और जिसकी जीविका का मुख्य साधन शारीरिक श्रम करना है और उसके परिवार का जिसका की वह सदस्य है, कोई सदस्य किसी कृषि भूमि को धारण नहीं करता है। कृषि भूमिहीन परिवारों की सूची में से परिवार के मुखिया के माता या पिता के नाम से यदि कृषि भूमि धारित है अर्थात् उस परिवार को उत्तराधिकार हक में भूमि प्राप्त करने की स्थिति होगी, तब वह परिवार भूमिहीन परिवार की सूची से पृथक् हो जाएगा।

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आवासीय प्रयोजन हेतु धारित भूमि, कृषि भूमि नहीं मानी जाएगी। अपंजीकृत परिवारों को योजनांतर्गत अनुदान की पात्रता नहीं होगी। पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया की मृत्यु हो जाने पर उक्त परिवार के द्वारा पात्रता अनुसार नवीन आवेदन योजनांतर्गत प्रस्तुत किया जाना होगा। यदि पंजीकृत हितग्राही परिवार के मुखिया के द्वारा असत्य जानकारी के आधार पर अनुदान सहायता राशि प्राप्त की गई हो, तब विधिक कार्यवाही करते हुए उक्त राशि उससे भू-राजस्व के बकाया के रूप जाएगी। योजना के हितग्राही के पास 1 अप्रैल 2023 की स्थिति में निर्धारित पात्रता होनी चाहिए।