Budget Ki Baat
Budget Ki Baat: रायपुर। आम बजट को खास बनाने के लिए मोदी सरकार ने इस बार जो थीम गढ़ा वो इंप्लायमेंट बेस्ड है। जाहिर है रोजगार के मुद्दे पर जिस तरह विपक्ष हमलावर रहा है। एक तो उसको काउंटर करने की मंशा है इसके पीछे। वहीं, सरकार ने इसके जरिए जिन क्षेत्रों को फोकस किया है। वो ये बताता है कि आने वाले दिनों में सरकार किस राह चलने जा रही है। हालांकि, सवाल यही है कि थ्योरी में सब ठीक है पर प्रैक्टिकली क्या ये बजट देश की जरूरतों को एड्रेस कर रहा है। क्या ये लोगों की उम्मीदों पर खरा उतर रहा है। देखिए रिपोर्ट..
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज लोकसभा में लगातार सातवीं बार बजट पेश किया। यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी नीत सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला बजट रहा। देश के बजट पर दुनिया भर की उम्मीदें टिकी रही। बाजार से लेकर रोजगार तक, किसान से लेकर कर्मचारी तक की निगाहें इस बजट पर टिकी रहीं। सभी वर्गों के कान लगे रहे, इधर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन बोलती गईं। लोग सौगातों की प्रतीक्षा में थे। लोग राहतों के इंतजार में थे।
ये कोई आम बजट नहीं बल्कि परीक्षा वाला बजट था, क्योंकि गठबंधन के बोझ और विपक्ष की आक्रामकता को साधने का एक मौका इसमें छिपा था। चुनावी दौर में रोजगार पर खूब शोर मचा। सदन से सड़क तक सरकार बार-बार घिरती रही। इसका तोड़ इसी बजट में निकाला। बजट की थीम को इंप्लायमेंट का नाम दिया जी हां.. इंप्लायमेंट यानी रोजगार।
अंग्रेजी के इंप्लायमेंट को अगर अक्षर-अक्षर तोड़ें तो क्या बनता है? E से EMPLOYMENE AND EDUCATION, M से MSMES. P से PRODUCTYVITY, L से LAND, O से OPPORTUNITIES, Y से YOUYH, M से MIDDLE CLASS, E से ENERGY SECURITY, N से NEW GENRATION REFORMS, और T से TECHNOLOGY। थीम दमदार है, पर क्या ये उतना ही असरदार है, क्या भविष्य इसका जवाब दे दे पाएगा?