Publish Date - July 4, 2025 / 07:53 PM IST,
Updated On - July 4, 2025 / 07:53 PM IST
CG News | Image Source | IBC24
HIGHLIGHTS
शिक्षा में सुधार की दिशा में बड़ा कदम,
युक्तियुक्तकरण से अब कोई विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं,
5000 नई भर्तियों और पदोन्नति से होगा सशक्तिकरण,
रायपुर: CG News: प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को सुदृढ़ और संतुलित बनाने की दिशा में युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया से बेहतर परिणाम मिले हैं। प्रदेश में युक्तियुक्तकरण के पूर्व कुल 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे। युक्तियुक्तकरण के पश्चात एक भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है। इसी प्रकार युक्तियुक्तकरण के पश्चात प्रदेश के 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 विद्यालयों में शिक्षकों की पदस्थापना की गई है जो कि शिक्षा व्यवस्था में सुधार की दिशा में एक सार्थक कदम है, जिससे निःसंदेह उन विद्यालयों में शिक्षा व्यवस्था में सुधार होगा और अध्ययनरत छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ मिलेगा।
CG News: बस्तर एवं सरगुजा संभाग के कुछ जिलों में शिक्षकों की कमी के कारण लगभग 1208 विद्यालय एकल शिक्षकीय रह गये हैं। निकट भविष्य में प्रधान पाठक एवं व्याख्याता की पदोन्नति तथा लगभग 5000 शिक्षकों की सीधी भर्ती के द्वारा शिक्षकों की कमी वाले विद्यालयों में पूर्ति कर दी जावेगी, जिससे कोई भी विद्यालय एकल शिक्षकीय नहीं रहेगा तथा अन्य विद्यालयों में भी जहां शिक्षकों की कमी है, शिक्षकों की पूर्ति की जाएगी।
CG News: युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया, शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 में निहित प्रावधानों के तहत की गई है, प्राथमिक एवं पूर्व माध्यमिक स्तर पर 2008 के सेटअप की प्रासंगिकता नहीं रह गई है। ऐसे अधिकारी-कर्मचारी जो किसी भी प्रकार की अनियमितता में संलिप्त पाये गये, उनके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही की गई है।
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया क्या है और "युक्तियुक्तकरण" का शिक्षा व्यवस्था में क्या महत्व है?
युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया का उद्देश्य शिक्षकों का समुचित वितरण करना है ताकि सभी विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षक उपलब्ध हों। इससे शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों की समस्या का समाधान होता है।
"युक्तियुक्तकरण" के बाद कितने विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं रहे?
युक्तियुक्तकरण से पहले प्रदेश में 453 विद्यालय शिक्षक विहीन थे, लेकिन प्रक्रिया के बाद अब कोई भी विद्यालय शिक्षक विहीन नहीं है।
"युक्तियुक्तकरण" से एकल शिक्षकीय विद्यालयों की स्थिति में क्या सुधार हुआ है?
युक्तियुक्तकरण के बाद 5936 एकल शिक्षकीय विद्यालयों में से 4728 में अतिरिक्त शिक्षकों की पदस्थापना की गई है, जिससे शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
शिक्षकों की कमी वाले क्षेत्रों जैसे बस्तर और सरगुजा में "युक्तियुक्तकरण" से क्या लाभ मिलेगा?
इन क्षेत्रों में लगभग 1208 विद्यालय अभी भी एकल शिक्षकीय हैं। आगामी समय में पदोन्नति और 5000 नई भर्तियों के माध्यम से इन विद्यालयों में शिक्षक उपलब्ध कराए जाएंगे।
क्या "युक्तियुक्तकरण" प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम और राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार की गई है?
हां, यह प्रक्रिया शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के तहत निर्धारित प्रावधानों के अनुसार की गई है, जिससे शिक्षा प्रणाली अधिक प्रभावशाली और सशक्त हो सके।