Govt Fire to Samvida Employees
रायपुर: नियमितिकरण की मांग को लेकर 3 जुलाई से 2 अगस्त तक हड़ताल करने वाले प्रदेश के संविदा स्वास्थ कर्मचारी इन दिनों मुश्किल में हैं। क्योंकि, जीएडी के आदेश के बावजूद इन्हें अब तक हड़ताल अवधि का वेतन नहीं मिला है। प्रदेश के करीब 15 जिलों के सीएमएचओ ने वेतन जारी करने की बजाए एनएचएम विभाग के एमडी को पत्र लिख दिया है कि इन्हें वेतन दिया जाए या नहीं और इस पत्र के जवाब में एनएचएम विभाग की ओर से ना तो जवाब दिया गया है, और न ही इनकार किया गया है।
उधर, प्रदेश के करीब आधे जिलों के सीएमएचओ जीएडी के आदेश को मानते हुए हड़ताल अवधि के वेतन को जारी कर दिया है। जिन जिलों में हड़ताल अवधि का वेतन जारी नहीं हुआ है, उसमें रायपुर जिला भी शामिल हैं। कर्मचारियों का आरोप है कि मुख्य चिकित्सा स्वास्थ अधिकारी ने जीएडी के आदेश को ताक पर रख कर वेतन रोक रखा है। जबकि, इससे पहले भी संविदा स्वास्थ कर्मचारियों ने हड़ताल की थी, और उनके आंदोलन काल को शून्य घोषित करते हुए वेतन देने का आदेश जारी हुआ था। तब जीएडी के आदेश पर ही वेतन जारी हो गया था। लेकिन इस बार सीएमएचओ कार्यालय ने अडंगा लगा दिया है।
इसके अलावा, इन संविदा स्वास्थ कर्मचारियों की एक और मुश्किल भी हैं। हड़ताल के बाद सरकार ने उनके वेतन में 27 प्रतिशत बढ़ोत्तरी का ऐलान किया था, लेकिन वो भी अब तक नहीं मिला है। आचार संहिता का हवाला देकर उसे भी लटका दिया गया है। जबकि इन कर्मचारियों का कहना है कि आचार संहिता में ही दूसरे विभाग के कर्मचारियों को कई तरह के लाभ दिए गए हैं। फिर ये भेदभाव संविदा स्वास्थ कर्मचारियों के साथ ही क्यों हो रहा है।