Kawasi Lakhma Judicial Custody: कवासी लखमा की मुश्किलें बढ़ी.. 14 दिनों के लिए बढ़ाई गई ज्यूडिशियल कस्टडी, जमानत याचिका पर फैसला सुरक्षित
पूर्व मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस विषय पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच लगभग एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में निर्णय कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
Publish Date - February 4, 2025 / 09:19 PM IST,
Updated On - February 4, 2025 / 09:29 PM IST
Kawasi Lakhma Naxal Connection: क्या कवासी लखमा का नक्सलियों से है कलेक्शन? Image Source: IBC24 Customized
Kawasi Lakhma’s Judicial Custody extended: रायपुर: छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड को 14 दिन के लिए बढ़ा दिया गया है। अब उनकी रिमांड 18 फरवरी तक प्रभावी रहेगी। ये रिमांड आबकारी घोटाले के मामले में जेल में बंद रहने के कारण बढ़ाई गई है। आबकारी घोटाले से संबंधित इस प्रकरण में न्यायालय के विशेष न्यायाधीश ने कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड को बढ़ाने का निर्णय लिया है।
Kawasi Lakhma’s Judicial Custody extended: पूर्व मंत्री कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई पूरी हो गई है। इस विषय पर दोनों पक्षों के वकीलों के बीच लगभग एक घंटे तक विचार विमर्श हुआ। सुनवाई के बाद कोर्ट ने इस मामले में निर्णय कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है। ये जमानत याचिका आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) की कार्यवाही से बचने के लिए लगाई गई थी।
कवासी लखमा छत्तीसगढ़ के पूर्व आबकारी मंत्री हैं, जिन्होंने हाल ही में आबकारी घोटाले के मामले में न्यायिक रिमांड का सामना किया है।
2. उनकी न्यायिक रिमांड कब तक बढ़ाई गई है?
कवासी लखमा की न्यायिक रिमांड 14 दिन के लिए बढ़ा दी गई है, जो अब 18 फरवरी तक प्रभावी रहेगी।
3. अग्रिम जमानत याचिका का क्या मामला है?
कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका आर्थिक अपराध अन्वेषण विंग (EOW) की कार्यवाही से बचने के लिए लगाई गई थी, और इसकी सुनवाई पूरी हो चुकी है।
4. इस मामले में न्यायालय ने कब तक निर्णय सुरक्षित रखा है?
कोर्ट ने कवासी लखमा की अग्रिम जमानत याचिका पर निर्णय कल तक के लिए सुरक्षित रख लिया है।
5. आबकारी घोटाला क्या है?
आबकारी घोटाला एक वित्तीय अपराध है, जिसमें सरकारी नियमों के उल्लंघन या धन की अवैध हेरफेर के आरोप शामिल होते हैं, विशेषकर शराब की बिक्री और कराधान से संबंधित मामलों में।