Vinod Kumar has passed away: प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार के निधन पर पीएम मोदी-सीएम साय समेत इन नेताओं ने जताया दुख, सोशल मीडिया पोस्ट पर कही ये बात

Vinod Kumar has passed away: प्रख्यात साहित्यकार विनोद कुमार के निधन पर पीएम मोदी-सीएम साय समेत इन नेताओं ने जताया दुख, सोशल मीडिया पोस्ट पर कही ये बात

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  • Publish Date - December 23, 2025 / 06:58 PM IST,
    Updated On - December 23, 2025 / 07:05 PM IST

Vinod Kumar has passed away

HIGHLIGHTS
  • विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के 12वें साहित्यकार थे जिन्हें ज्ञानपीठ पुरस्कार मिला
  • उनकी चर्चित कृतियाँ "नौकर की कमीज" और "दीवार में एक खिड़की रहती थी" रही हैं
  • रायपुर एम्स अस्पताल में इलाज के दौरान उनका निधन हुआ

रायपुर: Vinod Kumar has passed away ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित छत्तीसगढ़ के प्रख्यात हिंदी साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल का आज निधन हो गया। बताया जा रहा है कि इलाज के दौरान उन्होंने रायपुर एम्स अस्पताल में अंतिम सांस ली।

पीएम मोदी ने जताया शोक

विनोद कुमार के निधन पर पीएम मोदी ने दुख जताया है। पीएम मोदी ने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित प्रख्यात लेखक विनोद कुमार शुक्ल जी के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। हिन्दी साहित्य जगत में अपने अमूल्य योगदान के लिए वे हमेशा स्मरणीय रहेंगे। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं। ओम शांति।

सीए साय ने जताया शोक

विनोद कुमार के निधन पर छत्तीसगढ़ के सीएम विष्णु देव साय ने दुख जताया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर पोस्ट कर कहा कि ‘महान साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल जी का निधन एक बड़ी क्षति है। नौकर की कमीज, दीवार में एक खिड़की रहती थी जैसी चर्चित कृतियों से साधारण जीवन को गरिमा देने वाले विनोद जी छत्तीसगढ़ के गौरव के रूप में हमेशा हम सबके हृदय में विद्यमान रहेंगे। संवेदनाओं से परिपूर्ण उनकी रचनाएँ पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेंगी। उनके परिजन एवं पाठकों-प्रशंसकों को हार्दिक संवेदना। ॐ शान्ति। नमन।’

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने जताया दुख

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने विनोद कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि ‘छत्तीसगढ़ की साहित्यिक धरोहर, ज्ञान पीठ पुरस्कार से सम्मानित, हम सबके गौरव श्री विनोद कुमार शुक्ल जी का जाना छत्तीसगढ़ सहित देश भर के लिए अपूरणीय साहित्यिक क्षति है। उन्होंने रायपुर के AIIMS अस्पताल में आज 04:58PM पर अंतिम साँस ली है। मैं ईश्वर से उनकी दिवंगत आत्मा की शांति की कामना करता हूँ। ईश्वर उनके परिवारजनों, उनके शुभचिंतकों एवं चाहने वालों को यह दुःख सहने की शक्ति प्रदान करे। ॐ शांति:।

Vinod Kumar has passed away 22 दिनों से एम्स में चल रहा था इलाज

मिली जानकारी के अनुसार, सांस लेने में कठिनाई के कारण विनोद कुमार को दो दिसंबर को अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उन्हें वेंटिलेटर में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था। इसी दौरान आज उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया।

राजनांदगांव में हुआ था जन्म

आपको बता दें कि विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में हुआ था। शुक्त प्राध्यापक को रोजगार के रूप में चुनकर अपना पूरा ध्यान साहित्य सृजन में लगाया था। वे हिंदी भाषा के एक साहित्यकार रहे, जिन्हें हिंदी साहित्य में उनके अनूठे और सादगी भरे लेखन के लिए जाना जाता है। हिंदी साहित्य में अद्वितीय योगदान, सृजनात्मकता और विशिष्ट लेखन शैली के लिए प्रसिद्ध साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को वर्ष 2024 में 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किए गए। विनोद कुमार शुक्ल हिंदी के 12वें साहित्यकार हैं, जिन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया गया।

 

इन्हें भी पढ़े:-

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म कब और कहां हुआ था?

1 जनवरी 1937 को छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव में

उन्हें कौन सा बड़ा साहित्यिक सम्मान मिला था?

वर्ष 2024 में 59वां ज्ञानपीठ पुरस्कार।

उनकी प्रमुख कृतियाँ कौन सी हैं?

"नौकर की कमीज" और "दीवार में एक खिड़की रहती थी"।