नयी दिल्ली, 23 दिसंबर (भाषा) संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित होने के बाद मंगलवार को शीतकालीन सत्र का सत्रावसान हो गया।
लोकसभा और राज्यसभा सचिवालयों द्वारा जारी अलग-अलग बयानों के अनुसार, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को सत्रावसान कर दिया।
संसद का एक दिसंबर से शुरू हुआ शीतकालीन सत्र बीते 19 दिसंबर को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया था। इस दौरान लोकसभा और राज्यसभा की उत्पादकता क्रमश: 111 और 121 प्रतिशत दर्ज की गई।
लोकसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने पारंपरिक संबोधन में कहा था कि इस सत्र में 15 बैठकें हुईं जो 92 घंटे 25 मिनट तक चलीं।
अठारहवीं लोकसभा के छठे सत्र में कुल 10 सरकारी विधेयक पेश किए गए और सदन ने आठ सरकारी विधेयकों को मंजूरी दी। इनमें महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) की जगह लेने के लिए लाया गया ‘विकसित भारत-जी राम जी विधेयक, 2025’ शामिल है जिसे लेकर विपक्ष ने भारी विरोध दर्ज कराया।
राज्यसभा को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित किए जाने से पहले सभापति सी. पी. राधाकृष्णन ने कहा कि उच्च सदन का 269वां सत्र “अत्यंत उत्पादक” रहा और लगभग 92 घंटे की बैठकों के साथ 121 प्रतिशत उत्पादकता दर्ज की गई।
राज्यसभा के सभापति के रूप में यह उनका पहला सत्र था।
भाषा हक
हक माधव
माधव