Cold Wave in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 1902 में पड़ी थी इ​तनी ठंड, दुर्ग-भिलाई सहित इन शहरों में अगले दो दिन के भीतर चलेगी शीतलहर, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

Cold Wave in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 1902 में पड़ी थी इ​तनी ठंड, दुर्ग-भिलाई सहित इन शहरों में अगले दो दिन के भीतर चलेगी शीतलहर, मौसम विभाग ने जारी की चेतावनी

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  • Publish Date - December 25, 2025 / 01:49 PM IST,
    Updated On - December 25, 2025 / 01:50 PM IST

Cold Wave in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में 1902 में पड़ी थी इ​तनी ठंड, दुर्ग-भिलाई सहित इन शहरों में अगले दो दिन के भीतर चलेगी शीतलहर / Image : IBC24 Customized

HIGHLIGHTS
  • दुर्ग, भिलाई और रायपुर जैसे प्रमुख शहरों में शीतलहर चलने की संभावना
  • रायपुर में अब तक का सबसे न्यूनतम तापमान 1.3°C दर्ज
  • ला नीना की सक्रियता के कारण इस वर्ष ठंड का असर बना हुआ है

रायपुर: Cold Wave in Chhattisgarh कश्मीर में थोड़ी राहत के बाद एक बार फिर ठंड का प्रकोप बढ़ गया है। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को बताया कि रात को आसमान साफ रहने के कारण न्यूनतम तापमान कई डिग्री गिरकर जमाव बिंदु से नीचे चला गया। इस सप्ताह की शुरुआत में बर्फबारी और बारिश के बाद रात में बादल छाए रहने से कश्मीर में ठंड की तीव्रता कुछ कम हुई थी। हालांकि, बुधवार रात मौसम में बदलाव आया और कश्मीर भर के मौसम केंद्रों में शून्य से नीचे तापमान दर्ज किया गया। वहीं, दूसरी ओर उत्तर भारत से आने वाली बर्फिली हवाओं का असर देश के कई राज्यों में देखने को मिल रहा है। ऐसे में अब मौसम विभाग ने छत्तीसगढ़ में शीतलहर चलने की चेतावनी दी है।

Cold Wave in Chhattisgarh मौसम विभाग की मानें तो इस साल दिसंबर में पारा 11.2 डिग्री तक पहुंच गया है। वहीं, आगामी दिनों में पारा और गिरने की संभावना जताई जा रही है। माना जा रहा है कि अगले दो दिन के भीतर दो से चार डिग्री तक तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। मौसम वैज्ञानिकों की मानें तो अनुसार इसकी बड़ी वजह ला नीना की सक्रियता है। विशेषज्ञ बताते हैं कि जब एल नीनो (अलनीना) प्रभावी होता है, तब ऋतुएं असंतुलित हो जाती हैं, जबकि ला नीना के सक्रिय रहने पर मौसम अपेक्षाकृत संतुलित रहता है। वर्तमान वर्ष में ला नीना की प्रबलता अनुकूल रहने के कारण ठंड सहित अन्य ऋतुएं भी सामान्य या सामान्य से अधिक अनुकूल बनी हुई हैं। इसी कारण प्रदेश पर पश्चिमी विक्षोभ का असर भी सीमित नजर आ रहा है।

रायपुर के मौसम इतिहास में कड़ाके की ठंड के कई रिकार्ड दर्ज हैं। 29 दिसंबर 1902 को राजधानी में न्यूनतम तापमान 3.9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था। इससे भी सख्त रिकार्ड 23 दिसंबर 1902 का है, जब तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया था। यह रिकॉर्ड आज भी अटूट बना हुआ है। राजधानी सहित पूरे छत्तीसगढ़ में ठंड का असर लगातार बना हुआ है। उत्तर और मध्य छत्तीसगढ़ के कई इलाकों में शीतलहर का प्रभाव देखा जा रहा है। मौसम विज्ञान केंद्र रायपुर के अनुसार फिलहाल प्रदेश में मौसम शुष्क है, लेकिन न्यूनतम तापमान में हल्की गिरावट के कारण ठंड का अहसास ज्यादा हो रहा है।

बुधवार को रायपुर में अधिकतम तापमान 28.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से 1.1 डिग्री अधिक रहा। वहीं न्यूनतम तापमान 12.3 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 0.7 डिग्री कम है। सुबह 8.30 बजे सापेक्ष आद्रता 82 प्रतिशत और शाम 5.30 बजे 48 प्रतिशत दर्ज की गई। दिनभर आसमान लगभग साफ रहा और औसत पवन गति 2 किमी प्रतिघंटा रही।

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छत्तीसगढ़ में अगले दो दिनों का मौसम कैसा रहेगा?

मौसम विभाग के अनुसार, अगले दो दिनों में न्यूनतम तापमान में 2 से 4 डिग्री की गिरावट आएगी और शीतलहर चलने की प्रबल संभावना है।

रायपुर का अब तक का सबसे कम तापमान कितना रहा है?

रायपुर के मौसम इतिहास में सबसे कम तापमान 1.3 डिग्री सेल्सियस रहा है, जो 23 दिसंबर 1902 को दर्ज किया गया था।

ला नीना (La Niña) का ठंड पर क्या प्रभाव पड़ता है?

ला नीना के सक्रिय होने से मौसम संतुलित रहता है और इसके प्रभाव से शीत ऋतु में ठंड सामान्य से अधिक अनुकूल और तीव्र बनी रहती है।

किन शहरों के लिए मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है?

विशेष रूप से दुर्ग, भिलाई, रायपुर और उत्तर छत्तीसगढ़ के जिलों में आगामी 48 घंटों के लिए कोल्ड वेव (शीतलहर) का अलर्ट जारी किया गया है।

क्या इस साल ठंड के पुराने रिकॉर्ड टूट सकते हैं?

फिलहाल तापमान 11-12 डिग्री के आसपास है, लेकिन ला नीना की प्रबलता को देखते हुए पारा और गिर सकता है, हालांकि 1.3 डिग्री का रिकॉर्ड टूटना फिलहाल मुश्किल है।