Controversy over Dr Charandas Mahant's statement || Image- IBC24 News File
रायपुर: छत्तीसगढ़ कांग्रेस में इन दिनों सियासी हलचल तेज हो गई है। नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत के एक पुराने बयान को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। (Controversy over Dr Charandas Mahant’s statement) प्रचार अभियान के दौरान उन्होंने कहा था कि अगला विधानसभा चुनाव पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के नेतृत्व में लड़ा जाएगा। हालांकि, बाद में उन्होंने सफाई देते हुए दावा किया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया है।
महंत के इस बयान पर न केवल विपक्षी भाजपा बल्कि कांग्रेस के भीतर से भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं। अब इस मामले में कांग्रेस के वरिष्ठ आदिवासी नेता और पूर्व मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने भी अपनी राय रखी है।
पूर्व खाद्य मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने कहा कि भाजपा की रणनीति में कांग्रेस के नेता फंस रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि चरणदास महंत ने हाईकमान के निर्देश पर यह बयान दिया होगा। साथ ही, उन्होंने पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज पर भी सवाल उठाए। भगत ने कहा, दीपक बैज आदिवासी नेतृत्व पर चुप क्यों हैं? कांग्रेस की आदिवासी नेताओं को लेकर क्या योजना और रणनीति है, यह उन्हें स्पष्ट करना चाहिए। (Controversy over Dr Charandas Mahant’s statement) भाजपा ने एक आदिवासी को मुख्यमंत्री बनाया है, तो कांग्रेस को भी इसके जवाब में ठोस रणनीति बनानी चाहिए। कांग्रेस में आदिवासी नेतृत्व को बचाना जरूरी है।
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने भी मंगलवार को अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा था कि, फिलहाल, हमारा पूरा ध्यान नगरीय निकाय चुनाव पर है। विधानसभा चुनाव अभी साढ़े तीन साल दूर हैं। महंत जी ने जो कहा, उसकी व्याख्या वही बेहतर कर सकते हैं।
भाजपा ने इस बयान को कांग्रेस के भीतर चल रहे सत्ता संघर्ष का प्रतीक बताया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने प्रेस नोट जारी कर कहा, महंत का बयान कांग्रेस में चल रही अंदरूनी गुटबाजी को उजागर करता है। (Controversy over Dr Charandas Mahant’s statement) कांग्रेस की पूरी विचारधारा भ्रष्टाचार पर आधारित है। कांग्रेस का नेतृत्व सिर्फ ऐसे नेताओं की तलाश में रहता है, जो जनता से लूटकर पार्टी के लिए एटीएम बन सकें।
उन्होंने आगे कहा, जनता ने भूपेश बघेल सरकार के भ्रष्टाचार को देखा और उसे नकार दिया। अब कांग्रेस खुद भी बघेल से किनारा कर रही है। महंत का बयान इसी का संकेत है कि कांग्रेस के भीतर भी बघेल का नेतृत्व स्वीकार्य नहीं रह गया है। कुछ समय पहले तक नारा था ‘भूपेश है, तो भरोसा है’, लेकिन अब कांग्रेस का ही भरोसा उन पर नहीं रहा।
बढ़ते विवाद को देखते हुए चरणदास महंत ने सफाई दी और कहा कि उनके बयान को गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने कहा, छत्तीसगढ़ में चुनाव हमेशा सामूहिक नेतृत्व में लड़ा जाता है। जहां तक चेहरे की बात है, तो अंबिकापुर में सिंहदेव का प्रभाव है। उनके क्षेत्र में उन्हें प्रोत्साहित नहीं करूंगा, तो क्या करूंगा?
इस पूरे विवाद से स्पष्ट है कि छत्तीसगढ़ कांग्रेस के भीतर नेतृत्व को लेकर खींचतान जारी है। (Controversy over Dr Charandas Mahant’s statement) भाजपा इसे कांग्रेस की आंतरिक कलह के रूप में देख रही है, जबकि कांग्रेस नेता इससे बचने की कोशिश कर रहे हैं। अगले विधानसभा चुनाव में किसका नेतृत्व स्वीकार्य होगा, यह देखने वाली बात होगी।
Last update on 2025-03-24 / Affiliate links / Images from Amazon Product Advertising API