Hareli Tihar 2025: मुख्यमंत्री निवास में हरेली उत्सव, पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का हो रहा आयोजन

Hareli Tihar 2025: मुख्यमंत्री निवास में हरेली उत्सव, पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का हो रहा आयोजन

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  • Publish Date - July 24, 2025 / 12:41 PM IST,
    Updated On - July 24, 2025 / 12:41 PM IST

Hareli Tihar 2025/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • मुख्यमंत्री निवास में हरेली उत्सव,
  • मुख्यमंत्री साय के निवास में विधिवत रूप से आरंभ,
  • पारंपरिक लोक यंत्रों के साथ सुंदर नाचा का हो रहा आयोजन,

रायपुर: Hareli Tihar 2025:  मुख्यमंत्री निवास में हरेली तिहार के अवसर पर पारंपरिक लोक यंत्रों की गूंज और छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक छटा के साथ सुंदर नाचा का आयोजन किया जा रहा है। पूरा परिसर उत्सवमय वातावरण से सराबोर है। ग्रामीण परिवेश की जीवंत छवि इस सुंदर माहौल में साकार हो गई है। कहीं सुंदर वस्त्रों में सजे राउत नाचा कर रहे कलाकारों की रंगत बिखरी है, तो कहीं आदिवासी कलाकार पारंपरिक लोक नृत्य की मोहक प्रस्तुतियाँ दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ का अद्भुत ग्रामीण लैंडस्केप अपनी संपूर्ण सांस्कृतिक सुंदरता के साथ यहां सजीव रूप में अवतरित हो गया है। विभिन्न प्रकार की लोक धुनों में छत्तीसगढ़ी संगीत का माधुर्य अपने चरम पर है।

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Hareli Tihar 2025:  राउत नाचा, छत्तीसगढ़ की लोक-संस्कृति का एक प्रसिद्ध पारंपरिक लोकनृत्य है, जो विशेष रूप से दीपावली के अवसर पर गोधन पूजा के दौरान किया जाता है। यह नृत्य विशेषकर यादव समुदाय (ग्वाला/गोपालक वर्ग) द्वारा प्रस्तुत किया जाता है और भगवान श्रीकृष्ण तथा गोधन की आराधना का प्रतीक माना जाता है।

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Hareli Tihar 2025:  राउत नाचा की परंपरा छत्तीसगढ़ में सदियों पुरानी है। इसे गोवर्धन पूजा से जोड़ा जाता है, जब ग्वाल-बाल भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं की स्मृति में यह नृत्य करते हैं। नर्तक रंग-बिरंगे परिधानों में सजते हैं, सिर पर पगड़ी धारण करते हैं और हाथों में लाठी थामे रहते हैं। उनके वस्त्रों को कौड़ियों, घुंघरुओं और अन्य सजावटी वस्तुओं से अलंकृत किया जाता है।

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Hareli Tihar 2025:  राउत नाचा की प्रस्तुति के दौरान पारंपरिक वाद्य यंत्रों जैसे ढोल, मांदर और नगाड़ा का प्रयोग होता है। इनकी थाप पर नर्तक सामूहिक रूप से तालबद्ध होकर नृत्य करते हैं।
यह नृत्य केवल धार्मिक आस्था का ही नहीं, बल्कि सामाजिक एकता, श्रम की महत्ता, पशुपालन के योगदान और सांस्कृतिक गौरव का संदेश भी देता है। नाचा के साथ गाए जाने वाले गीतों को ‘राउत गीत’ कहा जाता है, जिनमें धर्म, वीरता, प्रेम और भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन होता है।

"हरेली उत्सव क्या है?"

हरेली उत्सव छत्तीसगढ़ का पारंपरिक त्योहार है, जो किसानों द्वारा वर्षा ऋतु की शुरुआत और कृषि उपकरणों की पूजा के रूप में मनाया जाता है। इस दिन पारंपरिक लोकनृत्य और यंत्रों का प्रदर्शन भी होता है।

"राउत नाचा क्या होता है?"

राउत नाचा छत्तीसगढ़ के यादव समुदाय का पारंपरिक लोकनृत्य है, जो गोधन पूजा और दीपावली के समय श्रीकृष्ण की लीलाओं की स्मृति में किया जाता है।

"हरेली उत्सव में कौन-कौन से पारंपरिक लोक यंत्रों का उपयोग किया जाता है?"

हरेली उत्सव में ढोल, मांदर, नगाड़ा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ-साथ कलारी, काठा, खुमरी जैसे कृषि उपकरणों की भी प्रदर्शनी की जाती है।

"राउत नाचा में कौन-कौन से वाद्य यंत्र बजाए जाते हैं?"

इस नृत्य में मुख्यतः ढोल, नगाड़ा, मांदर और झांझ जैसे वाद्य यंत्रों का प्रयोग होता है, जिनकी थाप पर सामूहिक रूप से नृत्य प्रस्तुत किया जाता है।

"क्या 'हरेली उत्सव' केवल किसानों से जुड़ा त्योहार है?"

हालांकि यह मुख्यतः कृषि से जुड़ा त्योहार है, लेकिन हरेली उत्सव छत्तीसगढ़ की समूची सांस्कृतिक विरासत, लोक कला, पशुपालन और ग्रामीण जीवनशैली को भी समर्पित है।