Publish Date - February 25, 2025 / 07:39 PM IST,
Updated On - February 25, 2025 / 07:47 PM IST
Model Code of Conduct ineffective in Chhattisgarh || Image- state election commission
HIGHLIGHTS
छत्तीसगढ़ में आचार संहिता समाप्त, रुके हुए विकास कार्य और प्रशासनिक प्रक्रियाएँ फिर से शुरू
निर्वाचन आयोग ने विधिवत जारी किया आदेश
Model Code of Conduct ineffective in Chhattisgarh: रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य में नगरीय निकाय और त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों के संपन्न होने के बाद आदर्श आचार संहिता को पूर्णतः समाप्त कर दिया गया है। अब प्रदेश के विभिन्न जिलों में रुके हुए विकास कार्य, स्थानांतरण (ट्रांसफर) और पदोन्नति (प्रमोशन) जैसी प्रशासनिक प्रक्रियाएँ पुनः शुरू की जाएँगी। इस संबंध में निर्वाचन आयोग ने आधिकारिक आदेश जारी कर दिया है।
आदर्श आचार संहिता (Model Code of Conduct) भारतीय चुनाव प्रणाली का एक महत्वपूर्ण घटक है, जिसे चुनाव आयोग द्वारा लागू किया जाता है। इसका उद्देश्य स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव कराना होता है।
1. प्रभावी अवधि: जब चुनाव आयोग किसी भी स्तर के चुनाव की तिथि की घोषणा करता है, तभी से यह संहिता प्रभाव में आ जाती है और चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने तक लागू रहती है।
2. लागू क्षेत्र: यह संहिता केवल उन क्षेत्रों में प्रभावी होती है, जहाँ चुनाव हो रहे होते हैं। यह सभी राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों, सरकारी प्रशासन और अधिकारियों पर लागू होती है।
आदर्श आचार संहिता के मुख्य नियम
नई घोषणाओं पर प्रतिबंध:
सरकार किसी नई योजना, नीति या परियोजना की घोषणा नहीं कर सकती।
कोई ऐसा लोकलुभावन वादा नहीं किया जा सकता, जिससे मतदाता प्रभावित हों।
धार्मिक और जातिगत प्रचार पर रोक:
चुनावी प्रचार के दौरान जाति, धर्म या संप्रदाय आधारित अपील करने की मनाही होती है।
किसी भी धर्म, समुदाय या जाति के खिलाफ भड़काऊ भाषण देने पर रोक होती है।
सरकारी संसाधनों का दुरुपयोग वर्जित:
किसी भी सरकारी संपत्ति, भवन, वाहन या अधिकारी का उपयोग चुनाव प्रचार में नहीं किया जा सकता।
आचार संहिता के उल्लंघन पर दंड:
चुनाव आयोग उल्लंघन करने वालों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांग सकता है।
गंभीर मामलों में उम्मीदवार का नामांकन रद्द किया जा सकता है।
Model Code of Conduct ineffective in Chhattisgarh: आदर्श आचार संहिता का मुख्य उद्देश्य चुनावी प्रक्रिया की निष्पक्षता और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है। इससे यह सुनिश्चित होता है कि:
सभी राजनीतिक दलों को समान अवसर मिले।
सत्ताधारी दल किसी भी अनुचित लाभ का उपयोग न कर सके।
मतदाता बिना किसी दबाव, प्रलोभन या भय के स्वतंत्र रूप से अपने मताधिकार का प्रयोग कर सके।
अब जब चुनावी प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और आचार संहिता समाप्त हो गई है, तो प्रदेश में विकास कार्यों को गति मिलने की उम्मीद है।
जब चुनाव आयोग किसी चुनाव की तिथि की घोषणा करता है, तभी से यह संहिता प्रभावी हो जाती है।
क्या आचार संहिता केवल चुनाव वाले क्षेत्रों में लागू होती है?
हाँ, यह संहिता केवल उन क्षेत्रों में प्रभावी होती है, जहाँ चुनाव हो रहे होते हैं।
आचार संहिता के दौरान सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण की अनुमति है?
नहीं, आचार संहिता के दौरान बिना चुनाव आयोग की अनुमति के सरकारी अधिकारियों के स्थानांतरण नहीं किए जा सकते।
आचार संहिता का उल्लंघन करने पर क्या कार्रवाई होती है?
चुनाव आयोग उल्लंघन करने वालों को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांग सकता है, और गंभीर मामलों में उम्मीदवार का नामांकन रद्द किया जा सकता है।
क्या आचार संहिता समाप्त होने के बाद रुके हुए विकास कार्य पुनः शुरू हो सकते हैं?
हाँ, चुनाव प्रक्रिया समाप्त होने और आचार संहिता समाप्त होने के बाद रुके हुए विकास कार्य, स्थानांतरण और पदोन्नति जैसी प्रशासनिक प्रक्रियाएँ पुनः शुरू की जा सकती हैं।