Police-Naxalite Encounter: नक्सलियों की महिला ‘प्रेस प्रमुख’ भानु मुठभेड़ में ढेर.. युवाओं के ब्रेनवॉश के लिए करती थी ‘प्रभात पत्रिका’ का सम्पादन..

आत्मसमर्पण करने वाले 50 नक्सलियों में से रविन्द्र करम (19), रोनी पारसिक (22), राकेश कड़ती (30), कोपे लेकाम (24), शांति ताती (22) और सोनू हेमला (22) पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) नंबर एक सहित विभिन्न माओवादी संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर थे और प्रत्येक पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।

  •  
  • Publish Date - March 31, 2025 / 05:05 PM IST,
    Updated On - March 31, 2025 / 05:15 PM IST

Naxalites' press chief killed in Bastar || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • बस्तर में नक्सलियों की प्रेस प्रमुख सरस्वती उर्फ भानु मारी गई, संगठन को बड़ा झटका।
  • बीजापुर में 50 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, जिनमें 14 पर 68 लाख रुपये का इनाम था।
  • सुरक्षा बलों की ‘नियद नेल्लानार’ योजना से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण, आदिवासियों के शोषण से नाराजगी।

Naxalites’ press chief killed in Bastar: जगदलपुर: बस्तर पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है। दंतेवाड़ा और बीजापुर जिले की सीमा पर मारी गई नक्सली नेता दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो की प्रेस प्रमुख थी। नक्सलियों द्वारा प्रकाशित प्रभात पत्रिका, जिसका संगठन अध्ययन और प्रचार के लिए व्यापक रूप से उपयोग करता है उसकी संपादक सरस्वती उर्फ भानु थी।

Read More: CG Govt Employee Suspend: बिलासपुर में प्रधानपाठक तत्काल प्रभाव से सस्पेंड.. कोटा SDM की रिपोर्ट पर DEO ने लिया बड़ा एक्शन, यहां थे पदस्थ

बस्तर के विभिन्न क्षेत्रों में अलग-अलग नामों से सक्रिय रही यह नक्सली मूल रूप से तेलंगाना की रहने वाली थी और लंबे समय से नक्सलियों के शीर्ष नेतृत्व में अपनी अलग पहचान बनाए हुए थी। इस मुठभेड़ में उसके मारे जाने के बाद दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के सदस्यों की संख्या में और कमी आई है।

Naxalites’ press chief killed in Bastar: गौरतलब है कि हाल ही में पुलिस ने इसी क्षेत्र में दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के दो अन्य प्रमुख सदस्यों, सुधीर और सुधाकर, को भी मार गिराया था।

50 नक्सलियों ने किया आत्मसमर्पण

इससे पहले रविवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में रविवार को 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया। इनमें से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम घोषित था। पुलिस के एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। अधिकारी ने बताया कि नक्सलियों ने राज्य पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के वरिष्ठ अधिकारियों के सामने हथियार डाल दिए। इनमें 10 महिलाएं थीं।

Naxalites’ press chief killed in Bastar: बीजापुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक जितेन्द्र कुमार यादव ने कहा, ‘‘नक्सलियों ने खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा, प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के वरिष्ठ नेताओं द्वारा आदिवासियों के शोषण और आंदोलन के भीतर पनप रहे मतभेदों का हवाला देते हुए आत्मसमर्पण किया है। वे सुरक्षाबलों द्वारा शिविर लगाए जाने और ‘नियद नेल्लानार’ (आपका अच्छा गांव) योजना से भी प्रभावित हैं, जिसके तहत सुरक्षा बल और प्रशासन दूरदराज के इलाकों में बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर रहे हैं।’’

उन्होंने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले 50 नक्सलियों में से रविन्द्र करम (19), रोनी पारसिक (22), राकेश कड़ती (30), कोपे लेकाम (24), शांति ताती (22) और सोनू हेमला (22) पीएलजीए (पीपुल्स लिबरेशन गुरिल्ला आर्मी) नंबर एक सहित विभिन्न माओवादी संगठनों में महत्वपूर्ण पदों पर थे और प्रत्येक पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम घोषित था।

Read More: Action Against E-Rickshaws: सावधना..! कल से ऐसे ई-रिक्शा और ऑटो के खिलाफ होगा सख्त एक्शन, नाबालिगों के वाहन चलाने पर लगेगा प्रतिबंध 

Naxalites’ press chief killed in Bastar: यादव ने कहा, ‘‘तीन नक्सलियों पर पांच-पांच लाख रुपये तथा पांच पर एक-एक लाख रुपये का इनाम घोषित था। जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्यबल (एसटीएफ), सीआरपीएफ और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा (कमांडो बटालियन फॉर रेजोल्यूट एक्शन) ने उनके आत्मसमर्पण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।’’

बस्तर में मारी गई नक्सली कौन थी?

मारी गई नक्सली सरस्वती उर्फ भानु थी, जो दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी और केंद्रीय क्षेत्रीय ब्यूरो की प्रेस प्रमुख थी। वह नक्सलियों की पत्रिका प्रभात की संपादक भी थी।

सरस्वती उर्फ भानु की मौत का नक्सल संगठन पर क्या प्रभाव पड़ेगा?

उसकी मौत से दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के शीर्ष नेतृत्व को झटका लगा है और संगठन के प्रचार तंत्र को नुकसान पहुंचा है।

छत्तीसगढ़ में हाल ही में कितने नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया?

बीजापुर जिले में 50 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया, जिनमें 10 महिलाएं भी शामिल थीं।

इन आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों पर कितना इनाम घोषित था?

50 में से 14 नक्सलियों पर कुल 68 लाख रुपये का इनाम था। कुछ पर 8-8 लाख, 5-5 लाख और 1-1 लाख रुपये का इनाम घोषित था।

नक्सलियों ने आत्मसमर्पण करने का क्या कारण बताया?

नक्सलियों ने माओवादी विचारधारा की अमानवीयता, शीर्ष नेतृत्व द्वारा आदिवासियों के शोषण और सुरक्षाबलों द्वारा शिविरों और विकास योजनाओं से प्रभावित होकर आत्मसमर्पण किया।