रायपुर: Raipur Filter Plants Exposed: राजधानी रायपुर की जनता जिस पानी पर अपनी सेहत का भरोसा करती है वही पानी अब खतरे का कारण बनता जा रहा है। IBC24 की विशेष पड़ताल में नगर निगम के फ़िल्टर प्लांट्स की चौंकाने वाली तस्वीरें सामने आई हैं, जो साफ तौर पर लापरवाही और अनदेखी की पोल खोलती हैं।
Raipur Filter Plants Exposed: शहर को पीने का पानी सप्लाई करने वाले फ़िल्टर प्लांट्स में महीनों से सफाई नहीं हुई है। कई फ़िल्टर बेड में इतनी अधिक गंदगी जमा हो चुकी है कि उनमें जलकुंभी उग आई है। कुछ बेड्स में तो काई और कीड़े भी बड़ी मात्रा में पनपते पाए गए हैं, जो पानी की गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकते हैं।
Raipur Filter Plants Exposed: जांच के दौरान दो महत्वपूर्ण प्लांट्स में गाद हटाने के लिए जरूरी क्लैरिफायर मशीनें बंद पाई गईं। यह स्थिति पानी को शुद्ध करने की प्रक्रिया पर सवाल खड़े करती है और यह दर्शाती है कि वर्षों से रखरखाव में भारी लापरवाही बरती जा रही है।
Raipur Filter Plants Exposed: गर्मी के मौसम में रायपुर में हर साल पीलिया जैसी जलजनित बीमारियों का प्रकोप सामने आता है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि फ़िल्टर प्लांट की यह स्थिति बनी रही, तो इस बार जलजनित रोग और तेजी से फैल सकते हैं, जिससे जनस्वास्थ्य पर बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
फिल्टर प्लांट में गंदगी नियमित सफाई नहीं होने के कारण जमा होती है। जल शुद्धिकरण के दौरान निकली गाद, काई और अन्य जीवाणु यदि समय पर साफ न किए जाएं तो वे जलकुंभी और कीड़ों के पनपने का कारण बनते हैं।
गंदे फिल्टर प्लांट से पानी पीने पर क्या खतरे हो सकते हैं?
"फिल्टर प्लांट गंदगी" के कारण पानी में हानिकारक बैक्टीरिया और वायरस आ सकते हैं, जिससे पीलिया, टाइफाइड, दस्त और हैजा जैसी जलजनित बीमारियां फैल सकती हैं।
क्या रायपुर नगर निगम इस गंदगी के लिए जिम्मेदार है?
हां, नगर निगम द्वारा संचालित फ़िल्टर प्लांट्स की देखरेख की जिम्मेदारी नगर प्रशासन की होती है। "फिल्टर प्लांट गंदगी" की स्थिति लापरवाही और निगरानी की कमी को दर्शाती है।
क्या इस समस्या का कोई समाधान है?
समाधान है — फ़िल्टर प्लांट्स की नियमित सफाई, क्लैरिफायर मशीनों की मरम्मत और ऑडिट प्रक्रिया को पारदर्शी बनाना जरूरी है। इसके साथ ही नागरिकों को भी जागरूक रहकर प्रशासन पर निगरानी बनाए रखनी चाहिए।
नागरिक क्या करें यदि उन्हें पीने के पानी की गुणवत्ता पर शक हो?
यदि किसी को पानी की गुणवत्ता पर शक हो, तो नगर निगम में शिकायत दर्ज कराएं और फ़िल्टर या उबालकर ही पानी का उपयोग करें। "फिल्टर प्लांट गंदगी" की शिकायतें सामूहिक रूप से उठाना भी प्रभावी साबित हो सकता है।