Raipur Jageshwar Awadhiya: 100 रुपये की रिश्वत.. 40 तक जेल की सजा और इंसाफ की लड़ाई.. रायपुर के जागेश्वर की कहानी सुनकर भर आएंगी आँख..

सच की लड़ाई में अपना सब कुछ खो चुके जागेश्वर प्रसाद को उम्मीद है कि अब सिस्टम उनकी और ध्यान देगा विभाग में रुकी हुई उनकी पेंशन और उनके हक के पैसे इन्हें लौटा दिए जायेंगे।

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  • Publish Date - September 24, 2025 / 01:57 PM IST,
    Updated On - September 24, 2025 / 01:57 PM IST

Raipur Jageshwar Awadhiya || Image- Image- Deepesh patel x

HIGHLIGHTS
  • 100 रुपये की रिश्वत का झूठा आरोप
  • 39 साल बाद मिला इंसाफ
  • जागेश्वर ने खोया परिवार और सम्मान

Raipur Jageshwar Awadhiya: रायपुर: कहते है भगवान के घर देर है पर अंधेर नहीं। लेकिन कहावत यह भी है कि देर से मिला न्याय, न्याय नहीं होता। इन दोनों ही कहावत किसी पर फिट बैठती है तो वो है रायपुर के 83 साल के बुजुर्ग जागेश्वर प्रसाद अवधिया। 100 रुपये घूस लेने के झूठे आरोपों के बाद जागेश्वर कुछ इस तरह कानूनी पचड़े में फंसे की इससे बाहर आते-आते उनकी पूरी जवानी खत्म हो गई। इतना ही नहीं बल्कि इंसाफ के लिए भटक रहे जागेश्वर ने अपने परिजनों को भी खो दिया। हालांकि अब जब जागेश्वर को न्याय मिला तब तक देर हो चुकी है।

क्या है जागेश्वर अवधिया की कहानी?

दरअसल आज से 39 साल पहले मध्य प्रदेश स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन में काम करने वाले व्यक्ति जागेश्वर अवधिया पर 100 रुपए की घूस लेने का आरोप लगा था। इस आरोप के बाद जागेश्वर की सरकारी नौकरी चली गई। नौकरी और सम्मान खोने का सदमा ऐसा लगा कि, इस मानसिक तनाव से उनकी पत्नी का भी निधन हो गया। इस तरह जागेश्वर मानो हर मोर्चे पर हारता चला गया।

Raipur Jageshwar Awadhiya: लेकिन समय का पहिया घूमा और अब बिलासपुर हाईकोर्ट ने 100 रुपये के रिश्वतखोरी के मामले में फैसला सुनाया है और जागेश्वर को निर्दोष साबित कर दिया है। इस तरह इंसाफ की लड़ाई लड़ते हुए आज जागेश्वर की उम्र 83 वर्ष हो चुकी है। न्याय की लड़ाई में आखिरकार जीत सत्य की हुई मगर इस लड़ाई को लड़ने में जागेश्वर प्रसाद अवधिया मानो अपना सबकुछ गँवा बैठे है।

अब भी बाकी है न्याय!

सच की लड़ाई में अपना सब कुछ खो चुके जागेश्वर प्रसाद को उम्मीद है कि अब सिस्टम उनकी और ध्यान देगा विभाग में रुकी हुई उनकी पेंशन और उनके हक के पैसे इन्हें लौटा दिए जायेंगे।

Q1: जागेश्वर अवधिया को किस मामले में फंसाया गया था?

A1: उन पर 100 रुपये की रिश्वत लेने का झूठा आरोप लगा था।

Q2: कोर्ट का फैसला कब आया और क्या नतीजा रहा?

A2: 39 साल बाद हाईकोर्ट ने उन्हें निर्दोष करार दिया।

Q3: जागेश्वर अवधिया को अब क्या उम्मीद है?

A3: वह चाहते हैं कि विभाग उन्हें रुकी पेंशन और हक की रकम लौटाए।