Publish Date - February 26, 2025 / 08:41 AM IST,
Updated On - February 26, 2025 / 08:41 AM IST
Rajim Kumbh Mela 2025 | Image Source | DPR CG
HIGHLIGHTS
आज महाशिवरात्रि पर राजिम कुंभ कल्प मेले का समापन,
निकाली जाएगी भव्य शाही शोभायात्रा,
सीएम विष्णुदेव साय होंगे शामिल
राजिम : Rajim Kumbh Mela 2025 : महाशिवरात्रि के शुभ अवसर पर राजिम में श्रद्धालुओं और संतों का भव्य समागम हो रहा है। इस पावन अवसर पर राजिम कुंभ कल्प का समापन समारोह आज संपन्न होगा, जिसमें मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शामिल होंगे। महाशिवरात्रि के अवसर पर साधु-संतों की भव्य शाही शोभायात्रा निकाली जाएगी, वहीं कुलेश्वर महादेव मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी है।
Rajim Kumbh Mela 2025 : कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उप मुख्यमंत्री अरूण साव, उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, कृषि विकास एवं कृषक कल्याण मंत्री राम विचार नेताम, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयालदास बघेल, वन एवं जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, वाणिज्य और उद्योग मंत्री लखनलाल देवांगन, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े तथा राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा शामिल होंगे।
Rajim Kumbh Mela 2025 : राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग भी कहा जाता है, क्योंकि यह तीन नदियों महानदी, पैरी और सोंढूर के संगम पर स्थित है। यही कारण है कि यह स्थान न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि इसे आध्यात्मिक और सांस्कृतिक केंद्र भी माना जाता है। हर साल आयोजित होने वाला यह मेला भारतीय सांस्कृतिक परंपरा में विशेष महत्व रखता है। श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर भगवान शिव, पार्वती और गणेश की पूजा करते हैं। कई परिवार अपने परिजनों का अंतिम संस्कार राजिम में करते हैं, क्योंकि इसे पुण्य और मोक्ष प्राप्ति का स्थान माना जाता है।
Rajim Kumbh Mela 2025 : मान्यता है कि जब तक कोई यात्री पुरी की यात्रा के बाद राजिम नहीं आता, तब तक उसकी तीर्थयात्रा अधूरी मानी जाती है। इस यात्रा को पूर्ण करने के लिए साक्षी गोपाल मंदिर में भगवान विष्णु के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज करानी होती है।
राजिम कुंभ कल्प छत्तीसगढ़ में आयोजित होने वाला एक प्रमुख धार्मिक मेला है, जिसमें साधु-संतों और श्रद्धालुओं का विशाल समागम होता है। यह महाशिवरात्रि के समय त्रिवेणी संगम में स्नान और पूजा-अर्चना का विशेष महत्व रखता है।
महाशिवरात्रि पर राजिम में कौन-कौन से प्रमुख आयोजन होते हैं?
महाशिवरात्रि के अवसर पर शाही शोभायात्रा, कुलेश्वर महादेव मंदिर में विशेष पूजा, साधु-संतों के प्रवचन, और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग क्यों कहा जाता है?
राजिम को छत्तीसगढ़ का प्रयाग इसलिए कहा जाता है क्योंकि यहाँ महानदी, पैरी और सोंढूर नदियों का संगम होता है, जो इसे एक पवित्र और पुण्यदायी स्थल बनाता है।
क्या राजिम यात्रा पुरी यात्रा के साथ जुड़ी हुई है?
हाँ, मान्यता है कि पुरी यात्रा के बाद जब तक यात्री राजिम नहीं आता, तब तक यात्रा अधूरी मानी जाती है। साक्षी गोपाल मंदिर में भगवान विष्णु के समक्ष उपस्थिति दर्ज कराना आवश्यक होता है।
महाशिवरात्रि के अवसर पर राजिम कैसे पहुँचा जा सकता है?
राजिम सड़क और रेल मार्ग से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। रायपुर से बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं, जिससे श्रद्धालु आसानी से यहाँ पहुँच सकते हैं।