Archaeological Discoveries in Raipur: खारुन नदी के पास मिले 1 हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष, कलचुरी काल से जुड़ा है इतिहास, देख कर रह जाएंगे हैरान
खारुन नदी के पास मिले 1 हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष...Archaeological Discoveries in Raipur: Remains of 1 thousand year old civilization
Archaeological Discoveries in Raipur | Image Source | IBC24
- खारुन नदी के पास मिले 1 हजार साल पुरानी सभ्यता के अवशेष,
- मिट्टी के बर्तन और बड़े पत्थरों से बने मूसल जैसे ऐतिहासिक सामान बरामद,
- यह स्थान प्राचीन रायपुर का असली केंद्र हो सकता है,
रायपुर: Archaeological Discoveries in Raipur: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के रायपुरा डीपरापारा इलाके में खारून नदी के किनारे खुदाई के दौरान छठी से चौदहवीं शताब्दी के पुरातत्व अवशेष मिले हैं। यह खोज बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यहां से सिल्लबट्टा, धान कूटने का बहाना, मिट्टी के बर्तन और बड़े पत्थरों से बने मूसल जैसे ऐतिहासिक सामान बरामद किए गए हैं।
पुरातत्वविदों के लिए महत्वपूर्ण खोज
Archaeological Discoveries in Raipur: विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थान प्राचीन रायपुर का असली केंद्र हो सकता है जहां कभी बाजार भी लगता होगा। यहां से मिले कुछ अवशेष सिरपुर की खुदाई में मिले अवशेषों से मेल खाते हैं जो इस स्थान के ऐतिहासिक महत्व को और मजबूत करता है।
जमीन मालिक ने प्रशासन को नहीं दी सूचना
Archaeological Discoveries in Raipur: यह अवशेष तब सामने आए जब निजी जमीन के मालिक ने ट्रैक्टर और मशीनों से जमीन समतल करने का काम शुरू किया। खुदाई के दौरान जब बड़ी संख्या में ऐतिहासिक अवशेष मिले, तो कुछ ड्राइवरों ने इन्हें किनारे रख दिया लेकिन जमीन मालिक ने प्रशासन और पुरातत्व विभाग को सूचना नहीं दी। जब स्थानीय लोगों और मीडिया के माध्यम से यह खबर फैली, तब जाकर पुरातत्व विभाग को इसकी जानकारी मिली।
समतलीकरण कार्य जारी, पुरातत्व विभाग ने दिए नोटिस
Archaeological Discoveries in Raipur: हालांकि पुरातत्व विभाग ने मौके का निरीक्षण किया और जमीन समतल करने का कार्य रोकने के निर्देश दिए, लेकिन इसके बावजूद मिट्टी डालकर जमीन पाटने का कार्य जारी है। विभाग ने इस मामले में जमीन मालिक को नोटिस जारी किया है और सर्वे करने की बात कही है। अधिकारियों ने स्पष्ट किया है कि इस क्षेत्र का विस्तृत पुरातत्व सर्वेक्षण किया जाएगा, ताकि इस ऐतिहासिक स्थल की रक्षा की जा सके। जमीन मालिक ने भी इस मामले में सहयोग करने का आश्वासन दिया है।

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