Sai Cabinet Ke Faisle: साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, 500 वर्ग मीटर तक की कृषि भूमि पर बाजार दर खत्म, अब हेक्टेयर में होगी रकबा की गणना

Sai Cabinet Ke Faisle: साय कैबिनेट का बड़ा फैसला, 500 वर्ग मीटर तक की कृषि भूमि पर बाजार दर खत्म, अब हेक्टेयर में होगी रकबा की गणना

Vishnudeo Sai Cabinet Meeting/Image Source: IBC24

HIGHLIGHTS
  • साय केबिनेट में लिए गए कई अहम निर्णय
  • 500 वर्ग मीटर तक के भूखंड की दर समाप्त किया गया
  • अब रकबा की गणना हेक्टेयर दर से की जाएगी

रायपुर: Raipur News: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित राज्य कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। इन फैसलों में सबसे अहम निर्णय ग्रामीण कृषि भूमि के बाजार मूल्य निर्धारण को लेकर लिया गया जिससे भूमि संबंधी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और समानता सुनिश्चित की जा सकेगी। Sai Cabinet Meeting Decision

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Sai Cabinet Ke Faisle:  डिप्टी सीएम अरुण साव ने बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में 500 वर्गमीटर तक के भूखंडों के लिए अलग दर निर्धारित की जाती थी जिसे अब पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसके स्थान पर अब सम्पूर्ण कृषि भूमि का मूल्यांकन हेक्टेयर दर से किया जाएगा। यह निर्णय खासकर भारतमाला परियोजना और बिलासपुर के अरपा-भैंसाझार क्षेत्र में सामने आई भूमि अनियमितताओं के मद्देनजर लिया गया है।

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Sai Cabinet Ke Faisle:  कैबिनेट ने एक और अहम निर्णय लेते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में परिवर्तित भूमि का मूल्य निर्धारण सिंचित भूमि की दर के ढाई गुना करने के पुराने प्रावधान को समाप्त कर दिया है। इसके अलावा शहरी सीमा से लगे ग्रामों और निवेश क्षेत्रों की भूमि के लिए मूल्यांकन अब वर्गमीटर के आधार पर किया जाएगा।

नए फैसले के तहत "भूमि मूल्य निर्धारण" ग्रामीण कृषि भूमि के लिए कैसे किया जाएगा?

अब ग्रामीण क्षेत्रों की कृषि भूमि का मूल्यांकन हेक्टेयर के आधार पर किया जाएगा। पहले 500 वर्गमीटर तक की भूमि के लिए अलग दर होती थी, जिसे अब समाप्त कर दिया गया है।

क्या "भूमि मूल्य निर्धारण" में परिवर्तित भूमि पर पुराने नियमों में बदलाव किया गया है?

हाँ, पहले सिंचित भूमि की दर के ढाई गुना मूल्य से मूल्यांकन होता था, लेकिन अब इस पुराने प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है।

"भूमि मूल्य निर्धारण" में शहरी सीमा से लगे ग्रामों की भूमि के लिए क्या बदलाव किए गए हैं?

शहरी सीमा से लगे ग्रामों और निवेश क्षेत्रों की भूमि का मूल्यांकन अब वर्गमीटर के आधार पर किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित किया जा सके।

क्या ये "भूमि मूल्य निर्धारण" से जुड़े निर्णय भारतमाला और अरपा-भैंसाझार क्षेत्र के विवादों से संबंधित हैं?

जी हां, ये निर्णय विशेष रूप से भारतमाला परियोजना और अरपा-भैंसाझार भूमि अनियमितताओं के संदर्भ में पारदर्शिता लाने के लिए लिए गए हैं।

क्या ये "भूमि मूल्य निर्धारण" के फैसले पूरे राज्य में लागू होंगे?

हाँ, कैबिनेट द्वारा लिए गए ये निर्णय राज्य स्तर पर लागू होंगे, जिससे सभी ग्रामीण और शहरी सीमावर्ती क्षेत्रों में भूमि प्रक्रियाओं में समानता आ सके।