Big fraud in Chhattisgarh Police constable recruitment process, image source: ibc24
राजनांदगांवः CG Police bharti, राजनांदगांव शहर में पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में गड़बड़ी का मामला सामने आया है। जिसके बाद पुलिस विभाग द्वारा ही इस मामले में एफआईआर दर्ज कर दिया गया है।
दरअसल, 16 नवम्बर से आरक्षक पद पर भर्ती प्रक्रिया प्रारंभ की गई थी। इस दौरान पासिंग रिजल्ट के अंकों में कुछ गड़बड़ियां नजर आई। जिसके बाद पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया और भर्ती प्रक्रिया का डेटा चेक कराया जिसमें कई खामियां सामने आई है। इसके बाद इस मामले में डीएसपी के द्वारा एफआईआर दर्ज कर दिया गया है।
Big fraud in Chhattisgarh Police constable recruitment process इस मामले को लेकर पुलिस अधीक्षक मोहित गर्ग ने कहा कि भर्ती प्रक्रिया के डेटा टाइमिंग टेक्नोलॉजी को लेकर गहन अध्ययन कराया गया। इसमें गड़बड़ी नजर आई। उन्होंने कहा कि इसके बाद हैदराबाद की कंपनी जो भर्ती प्रक्रिया करवा रही थी उससे डिटेल मांगा गया, जिसमें कई विसंगतियां मिली। 20 से अधिक प्रतिभागियों का डेटा संदेहास्पद मिला, जिसकी सीसीटीवी फुटेज निकलवाई जा रही है। उन्होंने कहा कि डेटा ऑपरेटर के द्वारा ऐसे मार्क्स की एंट्री की गई जो कैंडिडेट ने अटेम्प्ट नहीं किया था। उन्होंने कहा कि इसमें बड़े स्तर की जालसाजी हुई है।
इस भरती प्रक्रिया में गड़बड़ी नजर आने के बाद सीसीटीवी फुटेज से वास्तविक डेटा कंफर्म होने के बाद इस मामले में भर्ती प्रक्रिया में गोला फेक प्रभारी रही डीसीपी अजाक अनुप्रिया ठाकुर द्वारा लालबाग थाने में एफआईआर दर्ज कर दी गई है। वहीं पुलिस विभाग द्वारा इस भर्ती प्रक्रिया की गड़बड़ी के तह तक जाने अपनी जांच शुरू कर दी गई है। एफआईआर के बाद अब जांच के लिए टीम बनाई गई है, जो इस पर कार्य करी है। वहीं टाइमिंग टेक्नोलॉजी के एक्जीक्यूटिव को भी बुलाया गया है।
पुलिस अधीक्षक ने कहा है कि हमारा उद्देश्य निष्पक्ष भर्ती प्रक्रिया संपन्न करना है। इसमें गलत चयन नहीं होना चाहिए, गड़बड़ी में जिसकी संलिप्तता मिलेगी सभी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
आरक्षक संवर्ग भर्ती प्रक्रिया में समस्त इवेंट को टाईमिंग टेक्नलजी कंपनी हैदराबाद के तकनीकी सहायता से संचालित किया जा रही है। समस्त डाटा का एक्सेस कंट्रोल भी उक्त कंपनी के पास ही है। बीते 14 दिसम्बर को रिजल्ट हस्ताक्षर के दौरान गोलाफेंक रिजल्ट रिपोर्ट चेक करने पर एक अभ्यर्थी गोला फेंक इवेंट में 20 अंक होना तथा 8.117 मीटर रिकार्ड दर्ज था। इवेंट के दौरान किसी भी अभ्यर्थी के द्वारा 20 अंक प्राप्त नहीं किया था, जिस पर शंका हुआ जिसके बाद गोला फेंक में मेनुवल दर्ज कर रहे रजिस्टर में भी चेक करने पर 5.88 मीटर गोला फेंकना पाया गया। उक्त गड़बडी पाये जाने पर सीसीटीवी कैमरा सर्वर में जाकर चेक करने पर 6 मीटर से कम गोला फेंका जाना पाया गया।
पुलिस ने जब इवेंट मैनेजर को इस प्रकार मशीन से गलत रीडिंग लेने के संबंध में कारण पूछा गया तो उसके द्वारा मुख्य सर्वर के मास्टर डाटा बेस से जानकारी निकालने पर उक्त अभ्यर्थी का सेकण्ड अटेम्प्ट में 8.11 मीटर फेंका जाना बताया। सेकण्ड अटेम्प के रीडिंग समय के सीसीटीवी फुटेज को चेक करने पर उपस्थित स्टफ द्वारा बिना किसी इवेंट के प्रिज्म को पकड़ना दिख रहा है और ऑपरेटर द्वारा उसकी एन्ट्री लेकर डाटा सेव करना प्रतीत हो रहा है।
पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में प्रत्येक अभ्यर्थी को मात्र एक अवसर ही प्रदान करने का प्रावधान है। किन्तु उक्त प्रकरण में अनुचित तरीके से अभ्यर्थी को लाभ पहुंचाने हेतु प्रकिया से छेड़छाड़ कर वास्तविक रूप से प्राप्त 11 अंक के रिजल्ट को संशोधित करते हुए 20 अंक दर्ज किया गया है। जिसपर कूटस्चना एवं धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई करने हेतु एफआईआर कराई गई है।
यह छत्तीसगढ़ पुलिस आरक्षक भर्ती प्रक्रिया में हुई डेटा और रिजल्ट में छेड़छाड़ का मामला है, जिसमें उम्मीदवारों को अनुचित लाभ पहुंचाने का प्रयास किया गया।
पुलिस विभाग ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
एक अभ्यर्थी के वास्तविक प्रदर्शन से अधिक अंक दर्ज किए गए, जबकि उसके प्रयासों का सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल रिकॉर्ड से मेल नहीं खाता।
पुलिस विभाग द्वारा गठित एक विशेष टीम और हैदराबाद की टाइमिंग टेक्नोलॉजी कंपनी से प्राप्त डेटा की सहायता से जांच की जा रही है।
पुलिस अधीक्षक ने निष्पक्ष और पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया का आश्वासन दिया है। सीसीटीवी फुटेज और डेटा रिकॉर्ड के आधार पर हर अनियमितता की जांच की जा रही है।