गौरेला-पेंड्रा-मरवाही: Rare Green Snake जिले में आज सांप और मछली की दो अनोखी प्रजातियां को देखे जाने की बात सामने आई है, जिसमें नवागांव में स्थानीय ग्रामीणों ने आज मंदिर के पास हरे रंग का बेहद पतला सांप देखा। बताया जाता है कि सांप ग्रीन वाइन वाइपर है, जो की जहरीला नहीं होता है।
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Rare Green Snake इस सांप की प्रजाति अमरकंटक से लगे क्षेत्र में भी कई बार देखी गई है। वहीं दूसरी ओर मरवाही के लोहारी गांव में आज सुबह तालाब में मिली सकरमाउथ कैटफिश मछली को लेकर काफी चर्चा है। यह दुर्लभ मछली तालाब में मछली पकड़ने के दौरान एक ग्रामीण को मिली।
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बताया जा रहा है कि ग्रामीण ने जैसे ही तालाब एक अजीबो-गरीब मछली फंस गया। यह देखते ही लोग चौंक गए और मछली को देखने के लिए लोगों की भीड़ लग गई। जब लोगों ने मछली के बारे में गूगल पर सर्च किया तो पता चला कि इस मछली का नाम सकरमाउथ कैटफीश है।
ग्रामीण ने मछली को अपने घर में सुरक्षित रखा हुआ है। जनकारों का कहना है कि यह सकर माउथ कैटफिश मछली खासकर साउथ अमेरिका के अमेजन नदी और समुद्र में पाए जाते हैं। यह दुर्लभ प्रजाति की मछली है। यह मछली गहरे पानी की जगह नदी के किनारे किसी पत्थर से या किसी पेड पौधे से चिपक कर रहता है। यह पानी में तैरने के जगह किसी एक जगह स्थिर रहता है।
जलीय जीव मामलों के जानकारों का कहना है कि सकरमाउथ कैटफिश का मुख्य भोजन गंदा पदार्थ, काई या मच्छर है। यदि इस मछली को किसी गंदे पानी के टैंक में रख दिया जाए तो यह काई और गंदगी को साफ कर सकता है।