New DGP of CG: अब इस सीनियर IPS अफसर के हाथों पर होगी छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान, सरकार ने सौंपा DGP का प्रभार, लेंगे अशोक जुनेजा की जगह

अब इस सीनियर IPS अफसर के हाथों पर होगी छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान, Senior IPS Arun Dev Gautam will be the new DGP of Chhattisgarh

New DGP of CG: अब इस सीनियर IPS अफसर के हाथों पर होगी छत्तीसगढ़ पुलिस की कमान, सरकार ने सौंपा DGP का प्रभार, लेंगे अशोक जुनेजा की जगह

Jammu-Kashmir News/ Image Credit: IBC24 File Photo

Modified Date: February 4, 2025 / 02:19 pm IST
Published Date: February 4, 2025 2:05 pm IST

रायपुरः New DGP of Chhattisgarh छत्तीसगढ़ के डीजीपी रहे अशोक जुनेजा का कार्यकाल खत्म होने के बाद अब अरुण देव गौतम को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। इस संबंध में छत्तीसगढ़ सरकार के गृह विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। हालांकि यह पूर्ण नियुक्ति नहीं है। अरुण देव गौतम अभी महानिदेशक होमगार्ड के साथ-साथ लोक अभियोजन की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। उन्हें राज्य पुलिस महानिदेशक की अतिरिक्त जिम्मेदारी दी गई है।

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New DGP of Chhattisgarh बता दें कि छत्तीसगढ़ कैडर के आईपीएस अरुण देव उत्तर प्रदेश के कानपुर के रहने वाले है। उनका जन्म 2 जुलाई 1967 को कानपुर के पास स्थित उनके गांव अभयपुर में हुआ है। उन्होंने अपनी प्रारंभिक स्कूली शिक्षा अपने गांव के ही सरकारी स्कूल से की। फिर दसवीं व बारहवीं उन्होंने राजकीय इंटर कॉलेज इलाहाबाद से पूरी की। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से आर्टस लेकर बीए किया। राजनीति शास्त्र में एमए किया। मां के बाद जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी नई दिल्ली से अंतरराष्ट्रीय कानून में एमफिल की डिग्री हासिल की।अरुण देव गौतम यूपीएससी निकालकर 1992 बैच के आईपीएस बने। 12 अक्टूबर 1992 को उन्होंने आईपीएस की सर्विस ज्वाइन की। उन्हें पहले मध्यप्रदेश कैडर एलॉट हुआ था। प्रशिक्षु आईपीएस के तौर पर उनकी जबलपुर में पोस्टिंग हुई। फिर वे बिलासपुर जिले में सीएसपी बने। बिलासपुर के बाद एसडीओपी कवर्धा बने। कवर्धा के बाद एडिशनल एसपी भोपाल बने। मध्य प्रदेश पुलिस की 23वीं बटालियन के कमांडेंट भी रहे। एसपी के रूप में पहला जिला उन्हें भोपाल का मिला। वर्ष 2000 में पृथक छत्तीसगढ़ राज्य बनने पर अरुण देव गौतम ने छत्तीसगढ़ कैडर चुन लिया। छत्तीसगढ़ में वे कोरिया,रायगढ़, जशपुर,राजनंदगांव, सरगुजा और बिलासपुर जिले के एसपी रहे।

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DGP पद के लिए योग्‍यता

डीजीपी बनने के लिए 30 साल की सेवा जरूरी है। इससे पहले स्पेशल केस में भारत सरकार डीजीपी बनाने की अनुमति दे सकती है। छोटे राज्यों में आईपीएस का कैडर छोटा होता है, इसको देखते हुए भारत सरकार ने डीजीपी के लिए 30 साल की सर्विस की जगह 25 साल कर दिया है। मगर बड़े राज्यों के लिए नहीं।


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