Reported By: Abhishek Soni
,Police Fitness Campaign/ image source: meta AI
Police Fitness Campaign: सरगुज़ा: किसी की तोंद बाहर है तो किसी को व्यसन की लत है, ऐसे में जब पुलिस कर्मी ही अनफिट रहेंगे तो भला इनसे फिट पुलिसिंग की उम्मीद कैसे की जाए।
सरगुज़ा सम्भाग में ऐसे ही अनफिट पुलिस कर्मियों को फ़ीट करने की मुहिम शुरू की गई है ताकि पुलिस कर्मी खुद फ़ीट होकर बेहतर पुलिसिंग के साथ बेहतर जीवन जी सके। पढ़िए किस सम्भाग में शुरू की गई है अनफिट पुलिस कर्मियों को फ़ीट करने की मुहिम।
Police Fitness Campaign: सुबह 4 बजे उठकर मैदान में पशीना बहाते और ट्रेनिंग लेते पुलिस के नव आरक्षक नही बल्कि वो पुलिस कर्मी है जो सालो से पुलिस विभाग में सेवा दे रहे है। इनमें आरक्षक, प्रधान आरक्षक से लेकर टीआई तक के पुलिस कर्मचारी अधिकारी शामिल है, और ये सरगुज़ा संभाग के अलग अलग जिलो में पदस्थ अपनी सेवाएं दे रहे है।
Police Fitness Campaign: दरअसल सरगुज़ा संभाग के आईजी दीपक झा ने एक डेटा तैयार किया जिसमे शारीरिक रूप से अवस्थ और व्यसन के कारण शारीरिक समस्या झेल रहे पुलिस कर्मियों को शामिल किया गया था जिसमे करीब 300 से ज्यादा पुलिस जवान अनफिट पाए गए ऐसे में अब 50-50के बैच में इन लोगो को सीरारपीएफ के ट्रेनिंग सेंटर में ट्रेनिंग देकर फ़ीट किया जा रहा है जिसके सार्थक परिणाम दिखने लगे है। आईजी का कहना है कि ये कोई सजा नही बल्कि पुलिस के जवानो को जीवन जीने की कला सिखाना है ताकि वो अपने परिवार को बेहतर तरीके से चला सके और बेहतर पुलिसकर्मी बनकर बेहतर पुलिसिंग कर सके।
Police Fitness Campaign: ट्रेनिंग के दौरान पुलिस कर्मियों को शारीरिक व्यायाम से लेकर योगा और मेडिटेशन कराया जाता है,,इन्हें हफ्ते में एक दिन का अवकाश दिया जाता है खान पान में भी यहाँ सख्ती बरती जाती है जिसका असर ये पुलिस कर्मी खुद भी महसूस कर रहे है। ट्रेनिंग ले रहे पुलिस कर्मियों का कहना है कि ट्रेनिंग से उनके शारीरिक समस्या का समाधान तो हुआ ही है साथ ही साथ उनका वजन 4 से 5 किलो तक कम हो गया है और वो अब खुद को 4 से 5 साल युवा महसूस कर रहे है।
ट्रेनी पुलिस कर्मी बहरहाल भाग दौड़ और पुलिसिया रूटीन में पुलिस के जवान खुद शारीरिक रूप से अनफिट हो जाते है जिससे पुलिसनिंग में भी इसका असर दिखता है ऐसे में पहले पुलिस को फ़ीट कर फिर पुलिसिंग में कसावट लाने की मुहिम इस लिए भी बेहतर है क्योंकि इस ट्रेनिंग से पुलिस कर्मियों के जीवन में परिवर्तन आएगा और वो एक बेहतर जीवन भी जी सकेंगे।