CG News : मुदवेंडी गांव में पहुंची सुशासन की रोशनी, बिजली आने से खिले ग्रामीणों के चेहरे, नियद नेल्लानार योजना बनी क्रांतिकारी बदलाव की वाहक

मुदवेंडी गांव में पहुंची सुशासन की रोशनी, बिजली आने से खिले ग्रामीणों के चेहरे, The light of good governance reached Mudvendi village of Bijapur district

CG News : मुदवेंडी गांव में पहुंची सुशासन की रोशनी, बिजली आने से खिले ग्रामीणों के चेहरे, नियद नेल्लानार योजना बनी क्रांतिकारी बदलाव की वाहक
Modified Date: June 12, 2025 / 12:04 am IST
Published Date: June 11, 2025 9:05 pm IST

रायपुरः CG News : वर्षों तक माओवाद की पीड़ा में सिसकते रहे बीजापुर जिले का छोटा सा गांव मुदवेंडी अब बदलाव की मिसाल बन गया है। जिला मुख्यालय से करीब 35-40 किलोमीटर दूर स्थित यह गांव अब न केवल शुद्ध पेयजल और पक्की सड़क से जुड़ चुका है, बल्कि अब यहां बिजली की रोशनी ने भी दस्तक दे दी है। यह सब संभव हुआ है मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की दूरदृष्टि और नियद नेल्लानार योजना की बदौलत। इस गांव में केवल 45 परिवार रहते हैं, पर इनके जीवन में हाल के दिनों में जो परिवर्तन आया है, वह अभूतपूर्व है। पहले जहां शाम होते ही अंधेरा छा जाता था और रात में एक कदम चलना भी जोखिम भरा होता था, वहीं अब बिजली आने से न केवल घरों में उजाला हुआ है, बल्कि ग्रामीणों के दिलों में भी उम्मीद की लौ जल उठी है।

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माओवाद से सुशासन तक की यात्रा

CG News : लंबे समय तक माओवादी हिंसा की वजह से विकास की मुख्यधारा से कटे रहे इस गांव में अब सड़क, बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं पहुंचने लगी हैं। यह बदलाव केवल सुविधाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि इसका असर सामाजिक और शैक्षणिक जीवन पर भी स्पष्ट रूप से दिखाई दे रहा है। गांव के निवासी हुंरा कुंजाम बताते हैं, हमारे गांव में वर्षों बाद बिजली पहुंची है। पहले जहां अंधेरे में बच्चों की पढ़ाई नहीं हो पाती थी, अब रात को भी बच्चे आराम से पढ़ाई कर रहे हैं। साथ ही सांप-बिच्छू और जंगली जानवरों के खतरे से भी अब राहत मिली है। हुंरा कुंजाम बताते हैं कि नियद नेल्लानार योजना के तहत वर्षों से बंद पड़ा स्कूल अब पुनः प्रारंभ हो चुका है। एक पीढ़ी के अंतराल के बाद गांव के बच्चों को अब अपने गांव में ही शिक्षा का अवसर मिल रहा है। ग्रामीणों के लिए यह किसी सपने के सच होने जैसा है।

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खुशी का माहौल, उम्मीदों की नई सुबह

गांव के ही लखमा कुंजाम का कहना है, बिजली आने से गांव में उत्सव का माहौल है। अब रात्रि में भी घर के काम आसानी से हो जाते हैं, बच्चे पढ़ते हैं और गांव पहले से कहीं अधिक सुरक्षित महसूस करता है। बता दें कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा माओवाद से प्रभावित क्षेत्रों के लिए शुरू की गई नियद नेल्लानार योजना वास्तव में अब एक क्रांतिकारी बदलाव की वाहक बन चुकी है। इस योजना के तहत न केवल विकास के कार्य हो रहे हैं, बल्कि ग्रामीणों को सुरक्षा, विश्वास और आत्मनिर्भरता की नई राह भी मिल रही है। मुदवेंडी गांव की यह कहानी बताती है कि जब शासन की नीयत साफ हो और योजनाएं ज़मीन पर उतरें, तो दूरस्थ अंचलों में भी बदलाव की किरण पहुंच सकती है। अब अंधेरे की जगह उजाले की पहचान है मुदवेंडी। यह है सुशासन का सच और नई छत्तीसगढ़ की दिशा।


लेखक के बारे में

सवाल आपका है.. पत्रकारिता के माध्यम से जनसरोकारों और आप से जुड़े मुद्दों को सीधे सरकार के संज्ञान में लाना मेरा ध्येय है। विभिन्न मीडिया संस्थानों में 10 साल का अनुभव मुझे इस काम के लिए और प्रेरित करता है। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय से इलेक्ट्रानिक मीडिया और भाषा विज्ञान में ली हुई स्नातकोत्तर की दोनों डिग्रियां अपने कर्तव्य पथ पर आगे बढ़ने के लिए गति देती है।