रायपुर, 24 अप्रैल (भाषा) छत्तीसगढ़ और तेलंगाना की सीमा पर सुरक्षा बलों से हुई मुठभेड़ में तीन महिला नक्सली ढेर हो गईं। अधिकारियों ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले से लगे पड़ोसी राज्य तेलंगाना की सीमा पर नक्सली गतिविधि की सूचना मिलने के बाद सुरक्षाबलों के संयुक्त दल को नक्सल रोधी अभियान के लिए भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि दल जब दोनों राज्यों के सीमावर्ती क्षेत्र में स्थित करेगुट्टा की पहाड़ी वाले इलाके में था तब सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई और तीन वर्दीधारी महिला नक्सली मारी गईं।
अधिकारियों ने बताया कि सुरक्षाबलों ने घटनास्थल से अभी तक तीन नक्सलियों के शव, भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक बरामद किया है।
उन्होंने कहा कि मुठभेड़ स्थल से मिले निशान से संभावना जताई गई है कि इस दौरान कई अन्य नक्सली मारे गए हैं या घायल हुए हैं।
उन्होंने बताया कि मृत नक्सलियों की प्रारंभिक पहचान से जानकारी मिली है कि नक्सली पीएलजीए बटालियन नंबर एक से संबंधित हैं और उनकी पूरी पहचान कराई जा रही है।
उन्होंने बताया कि यह अभियान बस्तर क्षेत्र में शुरू की गई सबसे बड़ी नक्सल विरोधी कार्रवाई में से एक है।
अधिकारी ने बताया कि इस अभियान में जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी), बस्तर फाइटर्स, विशेष कार्य बल (एसटीएफ), राज्य पुलिस की सभी इकाइयों, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और इसकी विशिष्ट इकाई कोबरा सहित विभिन्न इकाइयों के लगभग 10 हजार जवान शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि तेलंगाना पुलिस भी इस अभियान में सहायक भूमिका निभा रही है।
उन्होंने बताया कि बीजापुर जिले के दक्षिण पश्चिम सीमावर्ती क्षेत्र के अंतर्गत अंतरराज्यीय सीमा के जंगल में माओवादियों के सबसे मजबूत सैन्य संगठन बटालियन नंबर एक के वरिष्ठ सदस्यों और माओवादियों की तेलंगाना राज्य समिति की मौजूदगी के बारे में मिली सूचना के आधार पर सोमवार को अभियान शुरू किया गया था।
अधिकारियों ने कहा कि यह सुरक्षाबलों का निर्णायक अभियान है, जो कुछ और दिन लगातार चलेगा।
उन्होंने बताया कि घने जंगलों और पहाड़ियों से घिरा यह इलाका माओवादियों की बटालियन नंबर एक का आधार क्षेत्र बताया जाता है।
इस मुठभेड़ के साथ ही इस वर्ष अब तक राज्य में अलग-अलग मुठभेड़ों में 144 नक्सली मारे गए हैं। इनमें से 127 बस्तर संभाग में मारे गए हैं। बस्तर संभाग में बीजापुर समेत सात जिले शामिल हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने इस महीने की पांच तारीख को दंतेवाड़ा में कहा था कि नक्सली ‘हमारे अपने लोग’ हैं और जब वे मारे जाते हैं तो कोई भी खुश नहीं होता।
शाह ने कहा था कि उन्हें आत्मसमर्पण करके मुख्यधारा में शामिल होना चाहिए।
उन्होंने कहा था कि सरकार नक्सली खतरे को खत्म करने के लिए प्रतिबद्ध है।
केंद्र सरकार ने देश से मार्च 2026 तक नक्सल समस्या को समाप्त करने की घोषणा की है।
भाषा सं संजीव जोहेब
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