Tribal society is demanding its own separate religion

धर्म कोड मुद्दे पर तेज हुई सियासत, दो गुटों में बंटा सर्व आदिवासी समाज, अलग धर्म की कर रहा मांग

Tribal society is demanding its own separate religion इस मामले में सर्व आदिवासी समाज का दूसरा गुट खुद को हिंदू मानने से इंकार कर रहा है|

Edited By :   Modified Date:  March 30, 2023 / 02:37 PM IST, Published Date : March 30, 2023/2:31 pm IST

Tribal society is demanding its own separate religion: जगदलपुर। आदिवासियों के लिए अलग धर्म कोड मुद्दे पर सियासत तेज हो गई है। आदिवासी समाज में भी इस मुद्दे को लेकर अलग-अलग गुट बन गए हैं। एक तरफ अलग आदिवासी धर्मकोड को लेकर सर्व आदिवासी समाज के नेताओं का मानना है कि यह अलगाव की सियासत है और प्रकृति पूजक आदिवासी वर्षों से सनातनी रहे हैं।

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ऐसे में उन्हें अलग धर्म का बताना गलत है। आदिवासी हिंदू रहा है और इसका प्रमाण से राम का संबंध भी है। दंडकारण्य क्षेत्र कभी राम की कर्मभूमि रही है और बस्तर के आदिवासियों का राम का पुराना नाता है।

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Tribal society is demanding its own separate religion: वहीं इस मामले में सर्व आदिवासी समाज का दूसरा गुट खुद को हिंदू मानने से इंकार कर रहा है और खुद के लिए अलग धर्म की मांग भी कर रहा है, जिस मुद्दे को प्रदेश के आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने हवा देने की कोशिश भी की है।

 

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