रायपुरः सुशासन को मूलमंत्र मानने वाली छत्तीसगढ़ सरकार विकास के नए आयाम गढ़ रही है। साय सरकार हर वर्ग के आर्थिक उन्नति के लिए प्रयास कर रही है। केंद्र की योजनाओं की प्रदेश में सही ढंग से क्रियान्वित कर हर वर्ग के लोगों को लाभ पहुंचा रही है। केंद्र सरकार द्वारा संचालित पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से अब हमारा छत्तीसगढ़ सौर ऊर्जा से समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। दरअसल, केंद्र की मोदी सरकार अवीनीकरण ऊर्जा पर निर्भरता को खत्म करने के लिए प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना संचालित कर रही है। छत्तीसगढ़ की साय सरकार ने भी इस योजना में अपनी हिस्सेदारी जोड़ दी है, जिसके तहत राज्य सरकार केंद्र द्वारा दी जा रही सब्सिडी के अतिरिक्त स्वयं की ओर से भी आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है।
पूर्व में केंद्र सरकार इस योजना के अंतर्गत घरेलू उपभोक्ताओं को सोलर पैनल लगाने पर 60% तक की सब्सिडी देती थी। छत्तीसगढ़ सरकार अब इस सब्सिडी में अपनी भागीदारी जोड़कर उपभोक्ताओं को सब्सिडी प्रदान कर रही है। यानी, एक सामान्य 3 किलोवाट क्षमता वाले सोलर सिस्टम की लागत लगभग ₹1.5 लाख होती है, जिसमें अब उपभोक्ता को केवल ₹30,000-₹40,000 ही वहन करना होगा। छत्तीसगढ़ सरकार और बैंकिंग संस्थाओं के बीच हुए करार के तहत अब उपभोक्ताओं को 6.5% की रियायती ब्याज दर पर 10 वर्षों के लिए ऋण सुविधा उपलब्ध करवा रही। इससे मासिक ईएमआई बेहद कम हो जाएगी। इतना कम कि यह आपके मौजूदा मासिक बिजली बिल से भी कम हो सकता है। इसका अर्थ है कि उपभोक्ता हर माह बिजली का बिल देने के बजाय अब सोलर सिस्टम का ईएमआई देगा और कुछ वर्षों बाद जीवनभर मुफ्त बिजली का आनंद लेगा।
सूर्य ऊर्जा से उत्पादित बिजली यदि आपके घर की खपत से अधिक है, तो वह अतिरिक्त बिजली राज्य की डिस्कॉम कंपनियों को ग्रिड के माध्यम से बेची जा सकती है। इस अतिरिक्त बिक्री से उपभोक्ता को आय होगी, जिससे वह न केवल अपने निवेश की भरपाई कर सकेगा बल्कि एक अतिरिक्त आमदनी का साधन भी विकसित होगा। 2 किलोवॉट या अधिक क्षमता वाले प्लांट लगाने वाले उपभोक्ता प्रतिमाह 200 यूनिट से अधिक बिजली का उत्पादन 25 साल तक कर सकते हैं, जो हॉफ बिजली योजना से मिलने वाली अधिकतम छूट (400 यूनिट पर 200 यूनिट रियायत) से भी ज्यादा है। ऐसे उपभोक्ता अपने घर में सौर ऊर्जा से उत्पन्न विद्युत का उपयोग कर न सिर्फ बिजली खर्च से मुक्ति पा सकते हैं, बल्कि अतिरिक्त बिजली को ग्रिड में प्रवाहित कर आय भी अर्जित कर सकते हैं।
छत्तीसगढ़ सरकार ने घरेलू उपभोक्ताओं को राहत देने वाली हॉफ बिजली बिल योजना के अंतर्गत दी जाने वाली 400 यूनिट की मासिक छूट की सीमा में युक्तियुक्त संशोधन करते हुए अब 100 यूनिट तक की मासिक खपत पर 50 प्रतिशत की रियायत देने का निर्णय लिया है। वर्तमान में राज्य में लगभग 45 लाख घरेलू उपभोक्ता परिवार हैं, जिनमें से 31 लाख परिवारों की मासिक खपत 100 यूनिट से कम है। यह लगभग 70 प्रतिशत उपभोक्ताओं का प्रतिनिधित्व करता है। अतः इस संशोधन के बावजूद, इन 31 लाख जरूरतमंद सामान्य एवं कमजोर वर्ग के उपभोक्ताओं को योजना का लाभ पूर्ववत मिलता रहेगा। इन 31 लाख परिवारों में 15 लाख बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) परिवार भी शामिल हैं, जिन्हें पूर्ववत 30 यूनिट तक मुफ्त बिजली मिलती रहेगी। इसके साथ ही वे हॉफ बिजली बिल योजना के तहत अन्य सभी लाभों से भी यथावत लाभान्वित रहेंगे।