Vishnu ka Sushasan: महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही साय सरकार, ड्रोन दीदियां भर रही सफलता की उड़ान, किसानों को भी हो रहा फायदा

महिलाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बना रही साय सरकार, Vishnu ka Sushasan: Sai government is making women financially capable

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  • Publish Date - March 10, 2025 / 11:15 PM IST,
    Updated On - March 10, 2025 / 11:59 PM IST

रायपुरः Vishnu ka Sushasan मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली छत्तीसगढ़ सरकार महिलाओं के हितकारी साबित हो रही है। एक ओर जहां महतारी वंदन योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सशक्त हो रही है तो दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा संचालित महिला आधारित योजनाओं का सफल क्रियान्वयन साय सरकार कर रही है, लिहाजा प्रदेश की महिलाएं अब सीधे रोजगार से जुड़ रही है और आय के स्त्रोत बढ़ा रही है। केंद्र की ओर से संचालित ड्रोन दीदी योजना का लाभ प्रदेश की महिलाएं ले रही हैं। इसका फायदा किसानों को भी मिल रहा है।

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क्या है नमो ड्रोन दीदी योजना?

Vishnu ka Sushasan नमो ड्रोन दीदी योजना मोदी सरकार का एक इनोवेटिव प्रयास है। इस योजना को शुरू करने का मकसद देश की महिलाओं को सशक्त बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने का है। इस योजना के तहत देश की महिलाओं को सरकार की ओर से ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और ड्रोन के रखरखाव से जुड़ा प्रशिक्षण दिया जा रहा है। मोदी सरकार की नमो ड्रोन दीदी योजना से मुख्य रूप से तीन फायदे मिल रहे हैं। इस योजना के तहत महिलाओं की आमदनी तेजी से बढ़ रही है। खेती के लिए पेस्टीसाइड और फर्टिलाइजर की खपत कम हो रही है। वहीं, योजना की मदद से किसानो की कृषि में लागत कमी और आमदनी में बढ़ोतरी हो रही है। ‘नमो ड्रोन दीदी’ योजना के तहत सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन उड़ाने की मुफ्त ट्रेनिंग देती है और ड्रोन खरीदने पर सब्सिडी तथा किफायती दरों पर लोन उपलब्ध कराती है। इस योजना के अंतर्गत ड्रोन की खरीद पर महिला स्वयं सहायता समूहों को 80% तक सब्सिडी या अधिकतम 8 लाख रुपए की सहायता दी जाती है। ड्रोन की शेष लागत के लिए कृषि अवसंरचना कोष (AIF) से ऋण सुविधा दी जाती है, जिस पर मात्र 3% ब्याज दर लागू होती है।

सफलता की उड़ान भर रही ड्रोन दीदियां

महिलाओं के प्रति संवेदनशील साय सरकार तकनीकी शिक्षा के क्षेत्र में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए केंद्र सरकार के साथ मिलकर ड्रोन दीदी योजना की शुरुआत की। इस योजना में राज्य की महिलाओं को ड्रोन तकनीक की ट्रेनिंग दी जा रही है। ड्रोन ऑपरेशन के माध्यम से महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसरों के द्वार खुल रहे और यह योजना ग्रामीण महिलाओं को नई तकनीकों से जोड़ने में मददगार भी साबित हो रही है। इस योजना के जरिए महिलाएं आर्थिक रूप सशक्त भी हो रही है। रायपुर जिले की ग्राम नगपुरा की ड्रोन दीदी चंद्रकली केवल 10 मिनटों में एक एकड़ खेत में कीटनाशक का छिड़काव कर देती हैं और इससे 300 रुपए कमा लेती हैं। गांव में खेतों में छिड़काव के बाद उनके ड्रोन चालन की कुशलता की जानकारी पड़ोसी गांवों में भी फैल गई। उन्हें अब काम मिल रहा है।

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किसानों को भी हो रहा फायदा

मुंगेली जिले के नगर पंचायत सरगांव की नमो ड्रोन दीदी गोदावरी साहू ने बताया कि वे विहान अंतर्गत जय माता दी महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य है। नमो ड्रोन योजना अंतर्गत इफको के माध्यम उन्हें ग्वालियर में 15 दिन का प्रशिक्षण दिया गया, जिसमें थ्योरी व प्रेक्टिकल के साथ ग्राउंड लेवल पर ड्रोन को चलाने के संबंध में जानकारी दी गई। इसके बाद फूलपूर में 05 दिवसीय ड्रोन के संबंध में प्रशिक्षण दिया गया। वह अब ड्रोन के माध्यम से किसानों के खेतों में नैनो यूरिया, नैनो डीएपी और कीटनाशक का छिड़काव करती है। इससे किसानों के पैसे और समय की बचत हो रही है। इसके साथ ड्रोन से वायु प्रदूषण भी नहीं होता। उन्होंने बताया कि ड्रोन के माध्यम से एक ही दिन में 20 से 25 एकड़ खेत में कीटनाशक दवाईयों का छिड़काव हो जाता है, जिससे किसानों द्वारा श्रमिकों को देने वाले पैसे की बचत तो हो ही रही है। साथ ही किसानों का समय भी बच रहा है।

नमो ड्रोन दीदी योजना क्या है?

नमो ड्रोन दीदी योजना मोदी सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है, जिसके तहत महिलाओं को ड्रोन उड़ाने, डेटा विश्लेषण और रखरखाव की ट्रेनिंग दी जाती है।

इस योजना का मुख्य उद्देश्य क्या है?

इस योजना का उद्देश्य महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना, उनकी आय बढ़ाना और किसानों को फसल उत्पादन में तकनीकी सहायता प्रदान करना है।

इस योजना के तहत महिलाओं को कितनी सब्सिडी मिलती है?

महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन खरीदने पर 80% तक सब्सिडी या अधिकतम 8 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है।

ड्रोन दीदी योजना से किसानों को क्या फायदा हो रहा है?

इस योजना से किसानों को कीटनाशक और उर्वरक छिड़काव में समय और पैसे की बचत होती है, जिससे उनकी कृषि लागत कम होती है और उत्पादकता बढ़ती है।

इस योजना के तहत ट्रेनिंग कहां दी जाती है?

महिलाओं को ग्वालियर और अन्य नामित केंद्रों में 15 दिन का थ्योरी और प्रैक्टिकल ट्रेनिंग दिया जाता है, ताकि वे ड्रोन तकनीक में कुशल बन सकें।