CG Politics | Photo Credit: IBC24
रायपुरः CG Politics छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सुई दो बिंदुओं पर अटक गई है। एक है वनों की बेतहाशा कटाई का आरोप, दूसरा ED पर पक्षपात का आरोप हालांकि, अब सत्तापक्ष ने भी पलटवार किया है कि कांग्रेस के दौर में ही खदान की स्वीकृति दी गई थी। जाहिर है मुद्दा सियासी पैंतरों में उलझ गया है और सियासी नेता अपनी सुविधा और सहूलियत के हिसाब से मुद्दे का विश्लेषण कर रहे हैं। आज की डिबेट हम दो सवालों के इर्द-गिर्द रखेंगे..एक तो वनों की कटाई क्या पर्यावरण के नियमों का उल्लंघन कर की जा रही है। दूसरा क्या ईडी की कार्रवाइयों का इससे कोई संबंध है?
CG Politics तो प्रदेश के पूर्व CM भूूपेश बघेल खुद ये बार-बार कह रहे हैं कि, शराब घोटाले में उनके बेटे को फंसाकर उसकी गिरफ्तारी का षड़यंत्र, मोदी-शाह के इशारे पर, ED का इस्तेमाल करते हुए किया गया। कांग्रेस का सीधा आरोप है कि जिस दिन-जिस वक्त, भूपेश और बाकि कांग्रेसी विधायक सदन में हंसदेव में अड़ानी की अवैध जंगल कटाई पर स्थगन पर बहस करने वाले थे। ठीक उसी दिन ध्यान बंटाने और आवाज दबाने भाजपा की डबल इंजन सरकार ने ED को पूर्व CM के घर भेज दिया। 22 जुलाई, मंगलवार को छत्तीसगढ़ कांग्रेस हर संभाग में ED, अड़ानी और डबल इंजन सरकार के वन कटाई के खिलाफ, जगह-जगह चक्काजाम कर आर्थिक नाकेबंदी करेगी। इसके लिए कांग्रेस आलाकमान से भी सहमति और पूरे साथ का आश्वासन मिल चुका है।
इधर, कांग्रेस हंसदेव जंगल काटने के के आरोप में डबल इंजन सरकार पर हमलावर है तो बीजेपी भी कांग्रेस और भूपेश को लेकर तीखे वार कर रही है। बीजेपी ने पोस्टर जारी कर, भूपेश बघेल को कुल्हाड़ी लिए दिखाया। मंत्री केदार कश्यप ने कहा, कि कांग्रेस का विरोध दिखावा है, खुद सीएम रहते भूपेश ने राजस्थान और महाराष्ट्र सरकारों के लिए कोयला खदानों की स्वीकृति दी।
हालांकि, इस पर भी पलटवार हुआ। पूर्व CM भूपेश ने 12 जनवरी 2025 की CM हाउस की फोटो जारी कर तंज कसा, अडानी को 5 वर्ष प्रतीक्षा करनी पड़ी। कुल मिलाकर बीजेपी-कांग्रेस प्रदेश की खनिज संपदा की लूट और जंगल कटाई के मामले में एक-दूसरे को विलेन साबित करने में जुटे हैं। सवाल ये है कि विकास, उद्योग, उर्जा जरूरत या रोजगार के नाम पर बीजेपी हो कांग्रेस की सरकार अनुमति तो दोनों ने दी हैं, तो फिर ये विरोध और ब्लेम गेम क्या केवल पॉलिटिकल प्रोपेगेंडा के लिए है?