Chhattisgarh Ki Baat
रायपुर : Chhattisgarh Ki Baat : प्रदेश दोनों पक्ष में चुनावी प्रक्रिया में अब टिकट वितरण के चैलेंजिंग फेज में प्रवेश कर रहे हैं। इस मामले में कांग्रेस एक कदम आगे चल रही है। पार्टी ने विधानसभा सीट पर टिकट के दावेदारों को ब्लॉक अध्यक्ष के पास आवेदन करने का नियम बना दिया है। ब्लॉक से जिला और जिला से PCC तक की प्रक्रिया से गुजरने के बाद कांग्रेस में किसी एक दावेदार को टिकट मिल पाएगा। कांग्रेस कहती है ये पार्टी में संगठन की ताकत और आंतरिक लोकतंत्र का प्रमाण है तो भाजपा कहती है सब दिखावा है। सच ये है कि 17 अगस्त से दावेदारों के आवेदन की प्रक्रिया शुरू कर, कांग्रेस एक कदम आगे जरूर दिख रही है, सवाल ये है कि कांग्रेस की इस प्रक्रिया पर भाजपा को भला क्या और क्यों आपत्ति है।
Chhattisgarh Ki Baat : राजधानी और न्यायधानी की ये दो तस्वीरें हैं। एक में कांग्रेस के तमाम दिग्गज नेता पार्टी के प्रदेश मुख्यालय में ढाई घंटे तक चर्चा का दौर चलता रहा। फैसला हुआ कि दावेदोरों को ब्लॉक अध्यक्ष के पास आवेदन करना होगा। चाहे वे विधायक हों, मंत्री या फिर मुख्यमंत्री। अब दूसरी तस्वीर बिलासपुर की है, जहां टिकट के रेस में शामिल तमाम नेता समर्थकों के साथ अपनी मौजूदगी दर्ज कराने और आला नेताओं को मत्था टेकने पहुंच गए। विधानसभा वार, जनप्रतिनिधियों, निगम, मंडल, मोर्चा प्रकोष्ठ के पदाधिकारी से वन टू वन चर्चा की शुरुआत तो हो गई है। लेकिन टिकट के लिए शक्ति प्रदर्शन का सिलसिला नहीं थम रहा।
कांग्रेस ने इस प्रक्रिया को अपनाकर खुद को लोकतांत्रिक पार्टी बताने के साथ ही संगठन में ब्लॉक अध्यक्ष की अहमियत बता दी है। जहां से दावेदारों की सूची 31 अगस्त तक PCC के पास पहुंच जाएगी। टिकट को लेकर उम्मीदवारों के लिए नियम कायदे कांग्रेस में बने, लेकिन दर्द भाजपा के पेट में होने लगा। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि कांग्रेस में निर्णय कैसे और कहा से होता है, सबको मालूम है। कैबिनेट मंत्री शिव डहरिया ने कहा कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व को अपे स्थानीय नेताओं पर ही भरोसा नहीं है। ऐसे में भाजपा नेता पहले अपने टिकट का चिंता कर लें, उसके बाद बाकी के बारे में चर्चा करें।
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Chhattisgarh Ki Baat : 71 सीटों के साथ सत्ता में काबिज कांग्रेस इन्हें बरकरार रखते हुए 75 पार के लक्ष्य लेकर चल रही है। ऐसे में नब्बे सीटों में हर एक सीट के लिए दर्जनों दावेदार हैं। यानी प्रदेशभर में करीब हजार लोग पार्टी की टिकट मांग रहे हैं। किस्मत का ताला तो पता नहीं किसका खुलेगा? लेकिन टिकट के टशन पर टेंशन हर किसी को जरुर हो गया है।