बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, विकास के लिए भेजी जा रही रकम का किया जा रहा बंदरबांट, पीएम को पत्र लिखकर की जांच की मांग

बीजेपी ने प्रदेश सरकार पर लगाया बड़ा आरोप, विकास के लिए भेजी जा रही रकम का किया जा रहा बंदरबांट, पीएम को पत्र लिखकर की जांच की मांग

  •  
  • Publish Date - November 5, 2020 / 05:25 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:48 PM IST

रायपुर। केंद्र की जल जीवन मिशन योजना के टेंडर में 7 हजार करोड़ का घोटाला के उजागर होने के बाद प्रदेश बीजेपी ने राज्य सरकार पर केंद्र की योजनाओं के पैसों का बंदरबाट किए जाने का आरोप लगाया है। पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र सरकार की सभी योजना की मॉनीटरिंग करने की भी मांग की है। इधर, रमन सिंह के पत्र पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि गड़बड़ी का मामला उजागर होने पर ही टेंडर निरस्त किया गया है। अब इसमें जांच के लिए कमेटी गठित कर दी है।

ये भी पढ़ें- 20 वर्षीय तलाकशुदा महिला के साथ गैंगरेप, होश आने पर पीड़िता ने पुलि…

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के सबसे बड़े चेहरे रमन सिंह ने राज्य सरकार पर केंद्रीय मद के बंदरबांट का गंभीर आरोप लगाया है, बुधवार को बीजेपी कार्यालय में ई-बुक्स विमोचित करने के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए रमन सिंह ने ये आरोप लगाया है। दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री जिस मद का जिक्र कर रहे हैं, सिलसिलेवार तरीके से आपको समझाते हैं कि आखिरकार वो है क्या और बंदरबांट का आरोप क्यों लग रहा है..

इस लिस्ट में सबसे ऊपर है
कैंपा मद.. यानी कि क्षतिपूरक वनीकरण कोष प्रबंधन एवं योजना प्राधिकरण..इस मद से वन क्षेत्रों में होने वाली कमी के बदले प्राप्त राशि का संधारण और उसके विनिर्माण में खर्च किया जाता है।
रमन सिंह का आरोप है कि केंद्रीय मद को परिवर्तित कर राज्य सरकार ने पैसे का ना केवल बंदरबांट किया बल्कि कई कैंपा के पैसे से ही कई वाहनों की भी खरीदी की है।
NHRM की राशि, केंद्र से प्राप्त राशि का उपयोग ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए किया जाता है।
पूर्व सीएम का आरोप है कि राज्य सरकार NHRM की राशि से शहरी क्षेत्र के अस्पतालों के लिए मशीन की खरीदी ली और खरीदी के नाम पर राशि का बंदरबांट किया।
वित्त आयोग का पैसा- चौदहवें वित्त का पैसा सीधे ग्राम पंचायत के खाते में डाला जाता है, जिसका उपयोग पंचायत के विकास के लिए किया जाता है।
इसे लेकर पूर्व सीएम का आरोप हैं कि राज्य सरकार पंचायतों पर दवाब डालकर चौदहवें वित्त के पैसे से गोठानों का निर्माण कर रही है..और जमकर इसमें पैसे का बंदरबांट किया जा रहा है।
स्मार्ट सिटी योजना.. इसके तहत नोटिफाइ क्षेत्रों के विकास के लिए राशि का इस्तेमाल किया जाता है।
रमन सिंह ने आरोप लगाया कि स्मार्ट सिटी विकास के नाम पर नगर निगम स्तर पर निर्णय लिया जा रहा है, टेंडर, वर्कऑर्डर के नाम पर जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है।

ये भी पढ़ें- डैम में लापता हुआ ‘चिराग’ का 48 घंटे बाद भी नहीं लगा सुराग, 10 वीं …

इन तमाम आरोपों के बाद जल जीवन मिशन में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए पूर्व सीएम ने पीएम मोदी को पत्र लिख मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी से कराने की मांग की है, जिस पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा कि रमन सिंह के पास कोई काम नहीं इसलिए केवल राजनीति कर रहे हैं..

जाहिर है मामला उजागर होने के बाद सरकार ने टेंडर निरस्त कर इसकी जांच के लिए कमेटी गठित की है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। ऐसे में सवाल है आखिर केंद्रीय योजनाओं में कौन कर रहा है गड़बड़ी ?