भूपेश सरकार की योजनाओं से मंदी बेअसर, इस साल भी छत्तीसगढ़ में हुई कारों की बंपर बिक्री

भूपेश सरकार की योजनाओं से मंदी बेअसर, इस साल भी छत्तीसगढ़ में हुई कारों की बंपर बिक्री

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  • Publish Date - February 9, 2021 / 01:10 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:54 PM IST

रायपुरः छत्तीसगढ़ के ऑटोमोबाइल सेक्टर में लगातार रौनक बनी हुई है। प्रदेश में जनवरी 2020 के मुकाबले जनवरी 2021 में ज्यादा कारों की बिक्री हुई है। पिछले साल के जनवरी माह में जहां 4523 कारें प्रदेश में बिकीं थीं, वहीं इस साल जनवरी माह में 4644 कारों की बिक्री हुई है। यह संख्या बीते दिसम्बर माह में 4233 बिकी कारो की संख्या से भी अधिक है।

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गौरतलब है कि कोरोना संकट की वजह से देश में मंदी का माहौल है, लेकिन प्रदेश इसके प्रभाव से अछूता रहा है। इस दौरान प्रदेश के ऑटोमोबाइल सेक्टर के साथ ही अन्य सेक्टरों में लगातार वृद्धि दर्ज की गई है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने के साथ-साथ किसानों और वनवासियों की आय में बढ़ोतरी करने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार द्वारा लागू की गई योजनाओं की वजह से यहां के बाजारों में रौनक बनी रही है। इस साल शासन ने समर्थन मूल्य पर 93 लाख मीटरिक टन से अधिक धान की खरीदी की है, जिससे पिछले 20 सालों की धान खरीदी का रिकार्ड टूट गया है। इसके साथ ही राजीव गांधी किसान न्याय योजना के तहत 19 लाख किसानों को 10 हजार रुपए प्रति एकड़ के मान से 5750 करोड़ रुपए की आदान सहायता से लाभान्वित किया जा रहा है। इस योजना के तहत शासन ने चार किश्तों में सहायता राशि के भुगातन का निर्णय लिया था, जिसकी तीन किश्तों के 4500 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है।

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इसी तरह राज्य सरकार की गोधन न्याय योजना के तहत 02 रुपए किलो में गोबर की खरीदी किए जाने से भी गांवों में आय का नया जरिया विकसित हुआ है। शासन द्वारा अब तक 35 लाख क्विंटल से अधिक गोबर की खरीदी की जा चुकी है, इसके एवज में लगभग 72 करोड़ रुपए का भुगतान किसानों को किया जा चुका है। सुराजी गांव योजना के तहत गांव-गांव में 09 हजार 50 गोठानों का निर्माण स्वीकृत किया गया है, इनमें से 05 हजार 195 गोठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। इन गोठानों को आजीविका केंद्र के रूप में विकसित कर वहां आयमूलक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है, जिससे हजारों लोगों को रोजगार मिला है। इसी तरह कोरोना संकट के समय राज्य के वनक्षेत्रों में देश मं सर्वाधिक लघु वनोपजों का संग्रहण किया गया। इस दौरान देश में संग्रहित कुल लघु वनोपजों का 73 प्रतिशत अकेले छत्तीसगढ़ में संग्रहित हुआ। शासन ने न केवल लघु वनोपजों के मूल्य में बढ़ोतरी की, बल्कि समर्थन मूल्य पर बिकने वाले लघु वनोपजों की संख्या 07 से बढ़ाकर 52 कर दी। लॉकडाउन के दौरान प्रदेश ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत एक दिन 26 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराने का भी रिकार्ड बनाया।

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