यूनिक होगी छत्तीसगढ़ की नई फिल्म पॉलिसी, संस्कृति मंत्री ने फिल्म नीति का मसौदा तैयार करने किया वर्चुअल मंथन

यूनिक होगी छत्तीसगढ़ की नई फिल्म पॉलिसी, संस्कृति मंत्री ने फिल्म नीति का मसौदा तैयार करने किया वर्चुअल मंथन

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  • Publish Date - June 10, 2021 / 01:31 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:33 PM IST

रायपुर। संस्कृति मंत्री अमरजीत सिंह भगत ने कहा है कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर छत्तीसगढ़ में नई फिल्म पॉलिसी का मसौदा तैयार किया जा रहा है। प्रदेश की नई फिल्म पॉलिसी देश में यूनिक होगी। नई फिल्म पॉलिसी का मसौदा विभिन्न राज्यों की फिल्म नीतियों का अध्ययन कर तैयार किया जाएगा। इससे प्रदेश के फिल्म निर्माता-निर्देशकों, कलाकारों, तकनिशियनों सहित फिल्म जगत से जुड़े सभी लोगों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इसका लाभ मिलेगा। मंत्री भगत ने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्मों के माध्यम से यहां की कला-संस्कृति और परंपरा को संजोने का काम होगा, वहीं प्रदेश के कलाकारों को एक बड़ा मंच और अवसर मिल सकेगा। संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत द्वारा आज प्रदेश के छत्तीसगढ़ी फिल्म निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों के साथ छत्तीसगढ़ में नई फिल्म पॉलिसी तैयार करने के लिए वर्चुअल माध्यम से मंथन किया गया। इस मौके पर निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों ने अपने-अपने सुझाव दिए। उल्लेखनीय है कि लम्बे समय से निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों द्वारा फिल्म पॉलिसी तैयार करने की मांग की जा रही थी। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रदेश के कलाकारों के हितों को ध्यान में रखते हुए उनकी मांगों को गंभीरता से लिया और अब जल्द ही नई फिल्म पॉलिसी तैयार हो जाएगी।

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संस्कृति मंत्री भगत ने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ फिल्म विकास निगम के माध्यम से नई पॉलिसी तैयार की जा रही है। यह प्रदेश के फिल्म विकास को एक नई ऊंचाई पर लेकर जाएगी। नई फिल्म विकास नीति बन जाने से बॉलीवुड-हॉलीवुड सहित अन्य राज्यों के फिल्ममेकर फिल्म बनाने छत्तीसगढ़ आएंगे और यहां के कलाकारों और तकनीशियनों को भी मौका मिल सकेगा। मंत्री भगत ने बताया कि फिल्म, धारावाहिक, लघु फिल्म, वेबसीरीज आदि फिल्मों की शूटिंग के दृष्टिकोण चिन्हांकित शासकीय स्थलों में भी शूटिंग के लिए निःशुल्क स्थल उपलब्ध कराने के साथ-साथ अनुदान पर भी विचार किया जा रहा है।

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छत्तीसगढ़ नई फिल्म पॉलिसी का मसौदा तैयार करने वाली वर्चुअल बैठक में प्रदेश के दर्जनों निर्माता-निर्देशकों और कलाकारों ने अपने-अपने सुझाव दिए। इन कलाकारों द्वारा शासकीय प्रयास से सिनेमा घरों की संख्या बढ़ाने, छोटे-छोटे कस्बों व विकासखण्ड स्तर पर सिनेमा घर स्थापित करने कलाकारों के लिए पेंशन व्यवस्था लागू करने, बीमा सुरक्षा का प्रावधान किए जाने, सेटेलाईट की सुविधा उपलब्ध कराने, आकाशवाणी-दूरदर्शन में अन्य राज्य की तर्ज पर छत्तीसगढ़ी गीतों व फिल्मों का प्रदर्शन करने, फिल्म शूटिंग के लिए शासकीय स्थल निःशुल्क प्रदान करने, चिकित्सा सुविधा प्रदान करने, फिल्म फेस्टिवल एवं अवार्ड फंक्शन के सबंध में विभिन्न सुझाव दिए गए।

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संस्कृति विभाग के अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ी फिल्म नीति 2021 में किन-किन बिन्दुओं को लिया जाए, अनुदान का क्राइटेरिया क्या होगा, राष्ट्रीय अवार्ड एवं ऑस्कर अवार्ड में जाने वाले फिल्मों के लिए अनुदान की सीमा क्या होगी। छत्तीसगढ़ की विरासत, इतिहास, कला-संस्कृति, लोकरीति और बोली-भाषाओं को प्रमुख रूप से फोकस कर बनने वाली फिल्मों के लिए अनुदान के संबंध में नई पॉलिसी में विचार किया जा रहा है। प्रदेश के कलाकारों, तकनीशियनों और कला जगत से जुड़े लोगों के लिए पॉलिसी में क्या-क्या शामिल किया जा सकता है। छॉलीवुड से हिन्दी फिल्मों में जाने वाले कलाकारों के लिए भी नई पॉलिसी में विचार किया जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि फिल्म निर्माण उद्योग को बढ़ावा देने के लिए नए सिनेमा घर निर्माण पर भी जोर दिया जा रहा है। बंद हुए सिनेमाघरों को पुनः प्रारंभ करने के लिए प्रतिपूर्ति राशि के रूप में अनुदान देने पर भी विचार-विमर्श किया गया। बाहर से आने वाले फिल्म निर्माताओं द्वारा फिल्म निर्माण पर यहां के 25 प्रतिशत कलाकारों की अनिवार्यता जैसे बिन्दुओं पर विचार किया जा रहा है। वर्चुअल बैठक में संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के सचिव अन्बलगन पी., योजना आयोग के सदस्य एवं सलाहकार गौरव द्विवेदी, संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य सहित लगभग 50 की संख्या में निर्माता-निर्देशकों व कलाकार शामिल थे।