दिग्विजय सिंह के बचाव में उतरे सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद, BJP पर लगाए कई गंभीर आरोप

दिग्विजय सिंह के बचाव में उतरे सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद, BJP पर लगाए कई गंभीर आरोप

  •  
  • Publish Date - March 5, 2019 / 10:06 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 07:45 PM IST

भोपाल: पुलवामा हमले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने आज जो ट्वीट किया है उसके बाद से मध्यप्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर खलबली मच गई है। वहीं, सहकारिता मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने दिग्विजय सिंह का बचाव करते हुए बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि आपने आतंकियों को मार गिराया है, लेकिन हमें शंका है, आप सबूत दीजिए।

Read More: दिग्विजय सिंह का विवादित बयान, इमरान खान को धन्यवाद कहा, जानिए पूरी बात

मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने भाजपा नेता रामेश्वर शर्मा के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने रामेश्वर शर्मा को ऐसे बयानबाजी की ट्रेनिंग दी है। भाजपा ने उन्हें बम बनाना सिखया है। बता दें रविवार को सर्जिकल स्ट्राइक पर कांग्रेस द्वारा उठाए जा रहे सवालों को लेकर भाजपा धिक्कार दिवस मना रही थी। इस दौरान बीजेपी विधायक रामेश्वर शर्मा ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी।

Read More: दिग्गी के बयान के बाद भाजपा में आक्रोश, खरगौन में किया पुतला दहन , देखिए वीडियो

मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने भाजपा पर सवाल दागते हुए पूछा है कि ऐसा एक भी कांग्रेस कार्यकर्ता बताइए जो बम बनाते पकड़ाया हो? अपने साथियों को मरवाने वाले कौन पकड़ाए हैं? पाकिस्तान और बीबीसी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि कोई नहीं मरा है और कोई मारा भी गया गया है तो पीएम नरेंद्र मोदी कैसे गिन लिए? भाजपा यह चुनाव को मद्देनजर रखते हुए कर रही है।

गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर लिया है कि ‘‘हमें हमारी सेना और उनकी बहादुरी पर गर्व है व सम्पूर्ण विश्वास है। सेना में मैंने अपने कई परिचित व नजदीकी रिश्तेदारों को देखा है कि वे किस प्रकार अपने परिवारों को छोड़कर हमारी सुरक्षा करते हैं। हम उनका सम्मान करते हैं।”

वहीं, दूसरे ट्वीट में दिग्विजय ने पुलवामा आतंकी हमले को दुर्घटना बताते हुए लिखा, ‘‘किन्तु पुलवामा दुर्घटना के बाद हमारी वायु सेना द्वारा की गई Air Strike के बाद कुछ विदेशी मीडिया में संदेह पैदा किया जा रहा है। इससे हमारी भारत सरकार की विश्वसनीयता पर भी प्रश्न चिन्ह लग रहा है।’’