छत्तीसगढ़ में कल से शुरू होगी ‘गोधन न्याय योजना’, गांवों में रोजगार- अतिरिक्त आय के बढ़ेंगे अवसर

छत्तीसगढ़ में कल से शुरू होगी 'गोधन न्याय योजना', गांवों में रोजगार- अतिरिक्त आय के बढ़ेंगे अवसर

छत्तीसगढ़ में कल से शुरू होगी ‘गोधन न्याय योजना’, गांवों में रोजगार- अतिरिक्त आय के बढ़ेंगे अवसर
Modified Date: November 29, 2022 / 08:15 pm IST
Published Date: July 19, 2020 8:39 am IST

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी गोधन न्याय योजना की लॉन्चिंग सोमवार को होगी । बता दें कि इस साल 20 जुलाई को हरेली के दिन सोमवार पड़ने से सोमवती अमावस्या का संयोग बन रहा है। इस अवसर पर गोधन न्याय योजना की शुरुआत भूपेश सरकार करने जा  रही है। इस योजना के जरिए चरवाहा औसतन छह हज़ार रु महीना कमाएंगे।

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योजना के तहत चरवाहा गौठान से गोबर इकट्ठा करेंगे। औसतन एक गौठान से 100 किलो गोबर निकलेगा । बता दें कि सरकार ने गोबर का दाम 2 रु तय किया है। इस तरह एक चरवाहा की एक दिन में न्यूनतम 200 रु और महीने में 6000 रु कमाई होगी।

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बता दें कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ राज्य में गौ-पालन को आर्थिक रूप से लाभदायी बनाने तथा खुले में चराई की रोकथाम तथा सड़कों एवं शहरों में जहां-तहां आवारा घुमते पशुओं के प्रबंधन एवं पर्यावरण की रक्षा के लिए छत्तीसगढ़ राज्य में गोधन न्याय योजना शुरू करने का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की दी गई जानकारी के मुताबिक इस योजना को पूरी तरह से आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के आधार पर तैयार किया गया है। इससे अतिरिक्त आमदनी सृजित होगी। रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इस योजना के क्रियान्वयन के लिए पूरा एक सिस्टम काम करेगा। इस संबंध में मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्मी कम्पोस्ट के जरिए छत्तीसगढ़ जैविक खेती की ओर कदम बढ़ाएगा।। इसका बहुत बड़ा मार्केट उपलब्ध है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से तैयार होने वाली वर्मी कम्पोस्ट खाद की बिक्री सहकारी समितियों के माध्यम से होगी। राज्य में किसानों के साथ-साथ वन विभाग, कृषि, उद्यानिकी, नगरीय प्रशासन विभाग को पौधरोपण एवं उद्यानिकी की खेती के समय बड़ी मात्रा में खाद की आवश्यकता होती है। इसकी आपूर्ति इस योजना के माध्यम से उत्पादित खाद से हो सकेगी। इस योजना की शुरूआत राज्य में हरेली पर्व के शुभ दिन से हो रही है।


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