सरकार का ऐलान, अन्तर्जातीय विवाह करने पर दम्पत्ति को मिलेगी ढाई लाख रूपये प्रोत्साहन राशि

सरकार का ऐलान, अन्तर्जातीय विवाह करने पर दम्पत्ति को मिलेगी ढाई लाख रूपये प्रोत्साहन राशि

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  • Publish Date - October 18, 2019 / 03:22 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:39 PM IST

कोरबा, छत्तीसगढ़। राज्य शासन द्वारा अंतर्जातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों को 2 लाख 50 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि एवं प्रशंसा पत्र प्रदान की जायेगी। यह राशि छत्तीसगढ़ अस्पृश्यता निवारणार्य अंतर्जातीय विवाह प्रोत्साहन योजना नियम 1978 (यथा संशोधित नियम 2019 के अनुसार) के प्रावधानों के तहत् दी जायेगी। प्रोत्साहन राशि में से भुगतान पूर्व दम्पत्ति से 10 रूपये के रसीद नान-ज्यूडिशियल के स्टॉप पेपर पर शपथ पत्र लेकर एक लाख रूपए दम्पत्ति के संयुक्त बैंक खाते में आरटीजीएस अथवा एनईएफटी के माध्यम से जमा कराया जाएगा। शेष डेढ़ लाख रूपए दम्पत्ति के संयुक्त नाम एवं सहायक यायुक्त आदिवासी विकास के पद नाम के संयुक्त रूप से राष्ट्रीयकृत बैंक में 3 वर्ष के लिए फिक्स डिपोजिट रखा जाएगा।

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एफडी जिले के सहायक आयुक्त आदिवासी विकास की शासकीय अभिरक्षा में रहेगी। एफडी की निर्धारित अवधि समाप्ति के अधिकतम 2 वर्ष के भीतर दम्पत्ति द्वारा स्वयं उपस्थित होकर राशि प्राप्त करनी होगी अन्यथा एफडी आहरित कर राशि शासकीय खजाने में जमा कर दी जाएगी। दम्पत्ति में से किसी एक की मृत्यु की दशा में जीवित सदस्य को एफडी की राशि का भुगतान किया जाएगा। प्रोत्साहन राशि पात्रता के लिए अंतर्जातीय विवाह करने की तिथि से एक वर्ष की अवधि के अन्दर आवेदन करना होगा।

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जिले के सहायक आयुक्त ने आज यहां बताया कि अंतर्जातिय विवाह प्रोत्साहन योजना के तहत प्रदान की जाने वाली राशि के लिए दम्पत्ति में से जो अनुसूचित जाति या जनजाति वर्ग का है जिन्होंने छत्तीसगढ़ राज्य के जिस जिले से मूल निवास एवं जाति प्रमाण पत्र प्राप्त किया है उसी जिले के कलेक्टर अथवा सहायक आयुक्त आदिवासी विकास विभाग के कार्यालय में आवेदन देना होगा। आवेदक दम्पत्ति में से अनुसूचित जाति-जनजाति सदस्य को सक्षम अधिकारी द्वारा जारी स्थाई प्रमाण पत्र की सत्यापित छायाप्रति तथा गैर अनुसूचित जाति सदस्य को गैर अनुसूचित जाति का प्रमाण पत्र संसद सदस्य, विधानसभा सदस्य, कलेक्टर, अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास, नगर निगम एवं नगर पालिका अध्यक्ष से प्राप्त प्रामाण पत्र की छायाप्रति प्रस्तुत करना होगा।

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सहायक आयुक्त ने बताया कि अंतर्जातीय विवाह को हिन्दू मैरिज एक्ट-1955 के तहत सक्षम अधिकारी के कार्यालय में पंजीकृत होना अनिवार्य है। दम्पत्ति में से किसी की भी आयु 35 वर्ष से अधिक न हो तथा युवक की आयु 21 वर्ष तथा युवती की आयु 18 वर्ष से कम न हो। दम्पत्ति में से अनुसूचित जाति-जनजाति के व्यक्ति को छत्तीसगढ़ का मूल्य निवासी अनिवार्य है। दम्पत्ति में से कोई भी छत्तीसगढ़ अथवा अन्य किसी भी राज्य से ऐसी किसी योजना से लाभान्वित न हुआ हो। द्वितीय विवाह पर कोई राशि देय नहीं होगी। परंतु विधवा महिला द्वारा पुनर्विवाह करने पर इस योजना का लाभ लेने के पात्र होगी।