कोरबा। वनमंडल कटघोरा में एक के बाद एक हाथी के दो बच्चों की मौत के बाद अब एक तेंदुए का शव मिला है। वनमंडल में लगातार वन्य प्राणियों की सुरक्षा दांव पर लगने से विभागीय तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं। तेंदुए की मौत की ताजा घटना में शिकार की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता। दो हाथियों की मौत की तरह तेंदुए की मौत के इस ताजा मामले में भी वन अधिकारी प्रथम दृष्टया स्वाभाविक मौत की बात कहकर पल्ला झाड़ने में जुट गए हैं।
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एक वयस्क तेंदुए का यह शव कटघोरा वनमंडल अंतर्गत जटगा वन परिक्षेत्र में ग्राम रावा के आश्रित मोहल्ला चचाईहापारा में मिला है। कक्ष क्रमांक-292 में ग्रामीण जगदीश प्रसाद यादव ने सबसे पहले मृत तेंदुए का शव देखा। इसके बाद जगदीश ने वनरक्षक शिवप्रसाद को सूचित किया और उन्हें मौके पर ले जाकर शव दिखाया। शव बरामद करने के बाद वनरक्षक शिवप्रसाद ने परीक्षेत्र अधिकारी को इसकी जानकारी दी और उच्च अधिकारियों को सूचना देने के बाद टीम के साथ मौके पर पहुंचकर औपचारिक कार्रवाई शुरू की। तेंदुए की मौत के कारणों का पता लगाने वन विभाग ने बिलासपुर के अचानकमार टाइगर रिजर्व से डॉग स्क्वाड भी बुलवाया था। डॉग स्क्वाड की मदद से तेंदुए का शव मिलने की जगह से एक किलोमीटर के दायरे में खोज-बीन की गई।
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अधिकारियों का कहना है कि आस-पास कहीं भी शिकारी या शिकार होने के संबंध में कोई चिन्ह नहीं मिले हैं। अगर शिकार किया गया होता, तो आस-पास कहीं कोई फंदा, शिकार में उपयोग होने वाले लोहे के सामान, उनके निशान, शिकारियों की चहलकदमी जैसी कोई बात घटना की जगह नहीं मिली है। डॉग स्क्वाड की जांच में इस तरह की कोई बात सामने नहीं आई है।