6 पुलिसकर्मियों को सुपर इन्वेस्टिगेटर और 51 को इंद्रधनुष सम्मान, डीजीपी अवस्थी ने किया सम्मानित

6 पुलिसकर्मियों को सुपर इन्वेस्टिगेटर और 51 को इंद्रधनुष सम्मान, डीजीपी अवस्थी ने किया सम्मानित

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  • Publish Date - March 5, 2021 / 03:26 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

रायपुर। पुलिस महानिदेशक डीएम अवस्थी ने शुक्रवार को दुष्कर्म के आरोपियों को शीघ्र आजीवन कारावास की सजा दिलाने पर उत्कृष्ट विवेचकों को सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान से सम्मानित किया। इसके साथ ही बेहतर कार्य करने पर 51 पुलिसकर्मियों को इंद्रधनुष सम्मान प्रदान किया गया। अवस्थी ने कहा कि चुनौतियों का सामना डटकर करना चाहिए।

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घटना के बाद घटनास्थल पर तत्काल जाने से सफलता जल्द मिलती है। महिला विरुद्ध अपराध होने पर ज्यादा संवेदनशीलता के साथ जांच करनी होती है। जितनी जल्दी आरोपियों को सजा दिलाएंगे, जनता में पुलिस के प्रति उतना ही विश्वास बढ़ेगा। कार्यक्रम में आईजी दुर्ग विवेकानंद सिन्हा, आईजी रतन लाल डांगी, एसपी रायगढ़ संतोष सिंह, बेमेतरा एसपी दिव्यांग पटेल उपस्थित रहे।

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ये था मामला- बेमेतरा में पिछले वर्ष 2 जून को नाबालिग को घर से अगवा कर अज्ञात आरोपियों ने दुष्कर्म किया था और फरार हो गए थे। प्रकरण में कोई भी प्रत्यक्षदर्शी ना होने की वजह से प्रकरण पूरी तरह ब्लाइंड था। इस केस में करीब 50 हजार मोबाइल नम्बरों को ट्रेस किया गया।
बेमेतरा पुलिस ने जीपीएस डेटा एनालिसिस की मदद से मासूम पीड़िता के साथ दुष्कर्म के आरोपी ट्रक चालक को गिरफ्तार कर लिया। पीड़िता ने आरोपी ट्रक चालक और ट्रक की पहचान की। आरोपी ट्रक चालक सूरज प्रजापति जो कि विधानसभा रोड सड्डू में रहता था और मूल रूप से जिला गढ़वा झारखंड का रहने वाला है। आरोपी को पकड़ने के लिए पुलिस के 40 लोगों की टीम दिन-रात लगी थी।

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आरोपी का पता लगाने के लिए पुलिस ने नई तकनीक जीपीएस डेटा एनालिसेस का इस्तेमाल किया। इस तकनीक की मदद से पुलिस ने घटना की रात घटना स्थल से गुजरने वाले करीब 12 हजार ट्रकों का जीपीएस डेटा विषलेषण किया जो कि कवर्धा, बेमेतरा, सिमगा रूट में चलते हैं। डेटा विषलेषण में पुलिस ने पाया कि एक ट्रक जिसका नंबर सीजी 04-एमएल 8356 है, वह घटना स्थल के सामने घटना के समय करीब 10 मिनट के लिए रूकी और बेमेतरा से होते हुए सिमगा के मध्य काफी देर से रूकी रही। उक्त ट्रक को जबलपुर से वापस आने पर 20 जून को पकड़ा गया। 

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प्रकरण में कोई प्रत्यक्षदर्शी ना होने के कारण करीब 50 हजार मोबाइल नंबरों का विषलेषण भी किया गया लेकिन आरोपी द्वारा मोबाइल का उपयोग ना करने के कारण पतासाजी में दिक्कतें आ रही थी। जिसके बाद जीपीएस डेटा एनालिसिस तकनीक इस्तेमाल कर आरोपी को गिरफ्तार किया गया। प्रकरण को सुलझाने में पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की 40 लोगों की टीम बनाकर अलग से 5 टीम तैयार कर लगाई गई थी। इन्हें मिला सुपर इन्वेस्टिगेटर सम्मान- उप पुलिस अधीक्षक राजीव शर्मा, निरीक्षक राजेश मिश्रा, उप निरीक्षक नीता राजपूत, उप निरीक्षक रंजीत प्रताप सिंह, सहायक उप निरीक्षक कंवल सिंह नेताम, प्रधान आरक्षक मोहित चेलक