भोपाल । कोरोना संकट की वजह से देश के साथ प्रदेश की वित्तीय स्थितियां गड़बड़ा रहीं हैं। राज्य सरकार में ऐसे कई विभाग हैं,जिनके पास वेतन देने के लिए आवश्यक रकम जुटाना मुश्किल हो रहा है। वहीं शिक्षा विभाग में 31 मार्च को रिटायर हुए अधिकारियों-कर्मचारियों को भी कई सारी चिताएं सता रहीं हैं। दरअसल शिवराज सरकार ने कोविड-19 से निपटने के लिए 31 मार्च को रिटायर हो रहे शिक्षकों की सेवा अवधि में 3 महीने की संविदा आधार पर वृद्धि का प्रस्ताव दिया है।
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असमंजस के इस दौर में शिक्षा विभाग के अधिकतर कर्मचारियों ने सेवा वृद्धि की इस संविदा अवधि को स्वीकार नहीं किया है। शिक्षा विभाग के अधिकांश शिक्षकों और कर्मचारियों ने रिटायरमेंट लेने का फैसला लिया है। शिक्षाकर्मियों की मानें तो संविदा नियुक्ति की शर्तें भी तय नहीं हो पाई हैं,जिससे उनके भुगतान पर संशय बरकरार है। इस वजह से वह इस एक्सटेंशन को स्वीकार नहीं कर रहे हैं।
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इन कर्मचारियों की रिटायरमेंट पर सरकार करीब ₹500 करोड़ का भुगतान करना था, प्रदेश में 8000 से ज्यादा अधिकारी कर्मचारियों का 31 मार्च को रिटायरमेंट हुआ है