नई मुसीबत: कोरोना से सड़ रही है शरीर की आंते, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड में मिले गैंग्रीन के लक्षण

Symptoms of Gangrene: कोरोना संक्रमण का से भी पूरी तरह निजात पाया भी नहीं गया और एक नई समस्या सामने आ गयी। पुरानी स्टडीज में यह पाय आगया था कि

नई मुसीबत: कोरोना से सड़ रही है शरीर की आंते, एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड में मिले गैंग्रीन के लक्षण

Corona Update

Modified Date: November 29, 2022 / 08:19 pm IST
Published Date: May 5, 2022 11:13 am IST

Symptoms of Gangrene: नई दिल्ली। कोरोना संक्रमण का से भी पूरी तरह निजात पाया भी नहीं गया और एक नई समस्या सामने आ गयी। पुरानी स्टडीज में यह पाय आगया था कि कोरोना हमारे फेफड़ो पर असर डालती है। इस वायरस का सिर्फ फेफड़ों पर नहीं बल्कि शरीर के अन्य दूसरे अंगो पर भी बुरा असर पड़ रहा है। हाल ही में हैदराबाद में कोरोना मरीजों में गैंग्रीन पाया गया।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

20 रोगियों की आंतो में आया सूजन

बता दें अध्ययन में यह पाया गया है कि कोरोना सिर्फ फेफड़े ही खराब नहीं करता। इससे लिवर और आंतों पर भी नकारात्मक असर पड़ रहा है। यह आंतों को ब्लॉक कर देता है, जिससे गैंगरीन हो जाता है और आंतों को काटना पड़ता है। कोरोना संक्रमण ने लोगों की नसों में ब्लॉकेज (Symptoms of Gangrene) कर दिया। एंडोस्कोपिक अल्ट्रासाउंड से नसों का ब्लॉकेज हटाया जा सकता है। हैदराबाद में कोरोना की चपेट में आए 20 रोगियों के आंतों में सूजन आ गई। हैदराबाद के विशेषज्ञ डॉ. संदीप लखटकिया ने इसकी जानकारी दी।

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पोस्ट कोविड मरीजों में दिखे गैंग्रीन के लक्षण

कोरोना संक्रमण के आंतों में जाने पर मरीजों को डायरिया हो जाता है। बता दें लार और नाक के द्रव्य के अलावा मल के सैंपल से भी कोरोना की जांच की जाती है। शुरुआत में लोग इसी भ्रम में रहे कि कोरोना सिर्फ फेफड़ों को ही खराब कर रहा है लेकिन अब पोस्ट कोविड रोगियों में आंतों की खराबी और गैंग्रीन के लक्षण सामने आ रहे है।

ब्लॉक हो रही है पैरों की नसें

मिली जानकारी के मुताबिक कुछ लोगों की पैरों की नसें ब्लॉक होने से गैंग्रीन (Symptoms of Gangrene) हुआ। बहुत से लोगों ने भ्रामक प्रचार के चलते आयुर्वेदिक दवा के नाम पर कैप्सूल खाए, उन्हें भी लिवर की समस्या हो गई है। इसके अलावा डॉ. लखटकिया ने जानकारी दी कि इंडोस्कोपी अल्ट्रासाउंड से आंतों के बाहरी हिस्से के अलावा अंदरूनी ट्यूमर ब्लॉकेज दिखाई देता है। इससे मरीजों की बीमारी पकड़ने में (डायग्नोसिस में) आसानी हो रही है।

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लेखक के बारे में

डॉ.अनिल शुक्ला, 2019 से CG-MP के प्रतिष्ठित न्यूज चैनल IBC24 के डिजिटल ​डिपार्टमेंट में Senior Associate Producer हैं। 2024 में महात्मा गांधी ग्रामोदय विश्वविद्यालय से Journalism and Mass Communication विषय में Ph.D अवॉर्ड हो चुके हैं। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा से M.Phil और कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता एवं जनसंचार विश्वविद्यालय, रायपुर से M.sc (EM) में पोस्ट ग्रेजुएशन किया। जहां प्रावीण्य सूची में प्रथम आने के लिए तिब्बती धर्मगुरू दलाई लामा के हाथों गोल्ड मेडल प्राप्त किया। इन्होंने गुरूघासीदास विश्वविद्यालय बिलासपुर से हिंदी साहित्य में एम.ए किया। इनके अलावा PGDJMC और PGDRD एक वर्षीय डिप्लोमा कोर्स भी किया। डॉ.अनिल शुक्ला ने मीडिया एवं जनसंचार से संबंधित दर्जन भर से अधिक कार्यशाला, सेमीनार, मीडिया संगो​ष्ठी में सहभागिता की। इनके तमाम प्रतिष्ठित पत्र पत्रिकाओं में लेख और शोध पत्र प्रकाशित हैं। डॉ.अनिल शुक्ला को रिपोर्टर, एंकर और कंटेट राइटर के बतौर मीडिया के क्षेत्र में काम करने का 15 वर्ष से अधिक का अनुभव है। इस पर मेल आईडी पर संपर्क करें anilshuklamedia@gmail.com