12 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक किराए के घर में रहने को मजबूर 

12 हजार करोड़ की कंपनी के मालिक किराए के घर में रहने को मजबूर 

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  • Publish Date - August 10, 2017 / 07:34 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:14 PM IST

 

12 हजार करोड़ की कंपनी रेमंड के मालिक किराए के घर में रहने को मजबूर देश के सबसे अमीर परिवारों आदमियों में शुमार 12 हजार करोड़ के ग्रुप रेमंड के मालिक विजयपत सिंघानिया किराए के घर में रह रहे हैं।  कभी मुकेश अंबानी के एंटीलिया से भी ऊंचे जेके हाउस में रहने वाले 78 साल के सिंघानिया अपनी इस हालत के लिए अपने बेटे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. विजयपत ने आरोप लगाया है कि ‘गौतम ने उन्हें पैसे-पैसे का मोहताज कर दिया है। वो कंपनी को निजी जागीर जैसे चला रहा है। सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर फरवरी 2015 में बेटे के हिस्से में दे दिए थे. इन शेयर्स की कीमत करीब 1000 करोड़ रुपए थी, लेकिन अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है. उनसे गाड़ी व ड्राइवर भी छीन लिए गए हैं। 

 

ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा

सिंघानिया मुंबई के ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के मकान में रह रहे हैं. विजयपत सिंघानिया ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर जेके हाउस में अपने ड्यूप्लेक्स घर का पजेशन मांगा है। बुधवार को उनके वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत पैसों की तंगी से जूझ रहे हैं। 

देश में कपड़े के क्षेत्र में खासा दखल रखने वाले ब्रांड रेमंड को बुलंदियों पर पहुंचाने वाले 78 वर्षीय विजयपत सिंघानिया इन दिनों पाई-पाई को मोहताज हैं। सबसे अमीर परिवारों में शुमार सिंघानिया परिवार के मुखिया के वकील ने यह आरोप बांबे हाई कोर्ट में बेटे गौतम पर लगाया है। रेमंड का करीब तीन हजार करोड़ रुपये का कारोबार है।

वकील के जरिये विजयपत सिंघानिया ने आरोप लगाया है कि उनका बेटा गौतम रेमंड लिमिटेड को अपनी व्यक्तिगत जागीर की तरह चला रहा है। विजयपत इन दिनों दक्षिण मुंबई स्थित ग्रांड पराडी सोसाइटी में किराए के रो हाउस में रह रहे हैं। पिछले दिनों उन्होंने बांबे हाई कोर्ट में याचिका दायर कर मालाबार हिल स्थित पुनर्विकसित 36 मंजिला जेके हाउस में डुप्लेक्स का कब्जा मांगा है। इसके बाद बुधवार को सिंघानिया के वकील ने कोर्ट को बताया कि विजयपत किस तरह पैसों की तंगी से गुजर रहे हैं।

 

एक हजार करोड़ की संपत्ति कर दी बेटे के नाम

बांबे हाई कोर्ट में सिंघानिया के वकील दिनयार मेडन ने बताया है कि सिंघानिया ने सारी संपत्ति अपने बेटे के नाम कर दी। सिंघानिया ने कंपनी में अपने सारे शेयर अपने बेटे के हिस्से में दे दिए थे। इन शेयरों की कीमत 1000 करोड़ रुपये के करीब थी। अब गौतम ने उन्हें बेसहारा छोड़ दिया है। यहां तक कि उनकी गाड़ी और ड्राइवर भी छीन लिए हैं।

 

सभी पक्षों ने लगा रखी है याचिका

1960 में बना जेके हाउस 14 मंजिला इमारत है। इसमें चार डुप्लेक्स 2007 में रेमंड की सहायक पशमिना होल्डिंग्स को दे दिए गए थे। कंपनी ने इनका फिर से विकास करवाया। विजयपत सिंघानिया और गौतम के बीच हुए समझौते के मुताबिक, वीणादेवी (विजयपत के भाई अजयपत की विधवा), वीणा के बेटों अनंत व अक्षयपत में से प्रत्येक को 5185 वर्गफीट के डुप्लेक्स मिलने थे। अपार्टमेंट में अपने हिस्से के लिए वीणा देवी और अनंत ने पहले से ही एक संयुक्त याचिका दायर कर रखी है। वहीं अक्षयपत ने बांबे हाई कोर्ट में एक अलग याचिका दायर की है।