एग्जाम दिया छात्र ने उत्तीर्ण हो गई छात्रा, गलती ठीक करने नहीं जमा कर पाया 3 हजार तो 12 वीं के छात्र ने की खुदकुशी
कॉलेज प्रबंधन की कथित लापरवाही से क्षुब्ध 12वीं के छात्र ने की खुदकुशी एग्जाम दिया छात्र ने उत्तीर्ण हो गई छात्रा, रिजल्ट देखने के बाद 12 वीं के छात्र ने की खुदकुशी
बाराबंकी (उत्तर प्रदेश), 18 अगस्त । बाराबंकी के सफदरगंज क्षेत्र में कॉलेज प्रबंधन की कथित लापरवाही से क्षुब्ध होकर 12 वीं कक्षा के एक छात्र ने कथित रूप से आत्महत्या कर ली। सफदरगंज क्षेत्र के ग्राम मिठवापुर मजरे बघौरा के निवासी राम नेवल रावत ने बुधवार को आरोप लगाया कि उनका 17 वर्षीय बेटा जयकिशन सफदरगंज के ग्राम उधौली में स्थित बाबू राम मनोहर विद्यालय में इंटरमीडिएट का छात्र था तथा जयकिशन ने जिस रोल नंबर से परीक्षा दी थी, परिणाम घोषित होने पर उस रोल नंबर पर किसी छात्रा का नाम लिखा था और उसके अंकपत्र में भी उसी छात्रा का नाम था।
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रावत का आरोप है कि 16 अगस्त को छात्र को विद्यालय की तरफ से तीन हजार रुपए लेकर गलती ठीक कराने के नाम पर बुलवाया गया था, लेकिन वह केवल एक हजार रुपए का ही इंतजाम कर सका था। रावत के अनुसार विद्यालय से शाम को जब जयकिशन वापस घर लौटा तो उसने बताया कि एक हजार रुपए जमा कराके इंटर का फॉर्म दोबारा भराया जा रहा था तथा विद्यालय में उससे कहा गया है कि पिछला जो भी हुआ उसे भूल जाओ और नए सिरे से फॉर्म भरकर फिर से दो साल पढ़ाई करो। इससे तनाव में आए छात्र ने शाम को घर से कुछ दूरी पर एक पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली।
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परिजनों ने मामले में विद्यालय प्रबंधन को जिम्मेदार ठहराते हुए जिलाधिकारी आदर्श सिंह से शिकायत की और कार्रवाई की मांग की है। इस घटना के बाद से प्रबंधक और स्टाफ कर्मी विद्यालय पर ताला लगाकर लापता हो गए हैं। रावत का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे की मार्कशीट में गलत नाम लिखे जाने और इस पर स्कूल प्रबंधन के लापरवाही भरे रवैए की शिकायत पिछली पांच अगस्त को जिला विद्यालय निरीक्षक राजेश कुमार वर्मा से की थी लेकिन उन्होंने कोई कदम नहीं उठाया।
वर्मा ने बताया कि मामले की शिकायत मिलने पर जांच टीम गठित की गई थी तथा जांच अधिकारी मौके पर गए थे लेकिन, विद्यालय में स्टाफ न मिलने के कारण कागज नहीं मिले, इसी दौरान छात्र ने आत्महत्या कर ली। उन्होंने कहा कि ऐसे में विद्यालय प्रबंधक को 24 घंटे के अंदर प्रपत्र प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं, यदि इस अवधि में विद्यालय द्वारा जांच में सहयोग नहीं किया गया तो दोषी मानते हुए सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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