अंतरजातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों के लिए 15 विशेष प्रकोष्ठों का गठन: ‘आप’ ने अदालत को बताया

अंतरजातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों के लिए 15 विशेष प्रकोष्ठों का गठन: ‘आप’ ने अदालत को बताया

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  • Publish Date - September 16, 2020 / 02:01 PM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:27 PM IST

नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) ‘आप’ सरकार ने दिल्ली उच्च न्यायालय को सूचित किया है कि उसने अंतरजातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों के उत्पीड़न और उन्हें मिलने वाली धमकियों संबंधी शिकायतों के निपटारे के लिए राष्ट्रीय राजधानी के हर पुलिस जिले में एक- एक विशेष प्रकोष्ठ यानी शहर में कुल 15 विशेष प्रकोष्ठ गठित करने का आदेश दिया है।

दिल्ली सरकार के गृह विभाग ने न्यायमूर्ति जे आर मिधा और न्यायमूर्ति बृजेश सेठी की पीठ के समक्ष पेश किए गए हलफनामे में यह अभ्यावेदन दिया। इस हलफनामे में अदालत को बताया गया कि इस प्रकार के दम्पत्तियों के ठहरने के लिए एक सुरक्षित गृह का भी निर्माण किया गया है।

दिल्ली सरकार के स्थायी वकील राहुल मेहरा और वकील चैतन्य गोसाईं की ओर से दाखिल हलफनामे में गृह विभाग ने कहा कि 15 विशेष प्रकोष्ठ गठित करने का फैसला 28 अगस्त को किया गया।

एक गैर सरकारी संगठन (एनजीओ) और एक व्यक्ति ने अदालत में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। इस याचिका में व्यक्ति ने कहा था कि उसकी एक महिला मित्र को उसके माता-पिता ने जबरन बंदी बनाकर रखा है, क्योंकि वे वह अलग जाति से संबंधित होने के कारण अपनी बेटी का विवाह उससे कराने के खिलाफ हैं।

याचिका में यह भी दावा किया गया था कि अंतरजातीय विवाह करने वाले दम्पत्तियों की समस्याओं के निपटारे और उनकी सुरक्षा के लिए विशेष प्रकोष्ठ गठित करने के उच्चतम न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया गया है।

मामले में 27 जुलाई को पहली बार हुई सुनवाई में अदालत ने आदेश दिया था कि यदि किसी विशेष प्रकोष्ठ का गठन नहीं किया गया है तो 11 अगस्त से पहले ऐसा हो जाना चाहिए।

उसने आदेश दिया था कि विशेष प्रकोष्ठ व्यक्ति की शिकायत दर्ज करे और कानून के अनुसार कार्रवाई की जाए।

दिल्ली सरकार ने 11 अगस्त को पीठ को बताया कि न्यायालय के आदेश का पालन करने के लिए पर्याप्त कदम उठाए जाएंगे।

इसके बाद, दिल्ली सरकार ने 14 सितंबर को पीठ के समक्ष इस संबंध में उठाए गए कदमों संबंधी यथास्थिति पेश की थी।

रिपोर्ट में बताया गया कि सभी 15 पुलिस जिलों में प्रकोष्ठ गठित करने का फैसला किया गया है।

अदालत ने 14 सितंबर को मामले की आगे की सुनवाई के लिए छह अक्टूबर की तारीख तय की। उसने कहा कि वह छह अक्टूबर को याचिकाकर्ता की महिला मित्र से बात करेगी।

भाषा

सिम्मी शाहिद

शाहिद