वर्ष 2020 के दिल्ली दंगे: अदालत ने अनमने तरीके से जांच के लिए पुलिस को फटकार लगाई

वर्ष 2020 के दिल्ली दंगे: अदालत ने अनमने तरीके से जांच के लिए पुलिस को फटकार लगाई

  •  
  • Publish Date - October 17, 2023 / 05:05 PM IST,
    Updated On - October 17, 2023 / 05:05 PM IST

नयी दिल्ली, 17 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने ‘अनमने तरीके से’ आरोप पत्र दाखिल करने के बाद, 2020 के साम्प्रदायिक दंगों की आगे की जांच करने को लेकर शहर की पुलिस को फटकार लगाई और संबद्ध अधिकारी को लिखित स्पष्टीकरण के साथ उसके समक्ष पेश होने को कहा है।

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश पुलस्त्य प्रमाचला उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगा मामले में तीन आरोपियों के खिलाफ दलीलें सुन रहे हैं। इस मामले के सिलसिले में गोकुलपुरी पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी।

अदालत ने यह जिक्र किया कि शुरूआत में 25 शिकायतों को मामले में जोड़ा गया था और इसने पिछले साल अप्रैल में निर्देश दिया था कि मौजूदा मामले में केवल 17 शिकायतों पर विचार किया जाएगा। अदालत ने कहा कि जांच अधिकारी (आईओ) ने 22 शिकायतों के अभियोजन के लिए 17 मई 2023 को एक नया पूरक आरोप पत्र दाखिल किया था।

अदालत ने सोमवार को पारित किये गए आदेश में जिक्र किया कि आईओ का रुख कुछ शिकायतकर्ताओं के दर्ज किये गए नये बयानों पर आधारित है, ताकि यह प्रदर्शित किया जा सके कि उन्होंने अपने परिसरों में दंगों की कथित घटनाओं की पूर्व में गलत तारीख का उल्लेख किया था।

अदालत ने कहा, ‘‘यह जांच की बहुत परेशान करने वाली प्रवृत्ति है, जहां आरोप पत्र दाखिल करने के बाद, आईओ अपनी इच्छानुसार और यहां तक कि अदालत की अनुमति के बगैर बाद के किसी समय में बयान दर्ज करते हैं। साथ ही, वे आपराधिक दंड प्रक्रिया संहिता (सीआरपीसी) की धारा 173(8) के तहत कानूनों की अवज्ञा करते हुए ऐसा करते हैं।’’

सीआरपीसी की धारा 173(8) किसी मामले में आगे की जांच से संबंधित है।

अदालत ने कहा कि नये बयानों के अनुसार, शिकायतकर्ता ने खुद के प्रत्यक्षदर्शी होने का दावा नहीं किया और कथित घटनाओं की तारीख व समय में बदलाव करते हुए उन्होंने ‘‘कुछ पड़ोसियों’’ का हवाला दिया।

अदालत ने कहा, ‘‘वे पड़ोसी कौन हैं, ज्ञात नहीं हैं, इसके लिए आईओ की अनमने ढंग से की गई जांच जिम्मेदार है।’’

विषय की आगे की कार्यवाही 20 नवंबर के लिए सूचीबद्ध की गई है।

भाषा सुभाष पवनेश

पवनेश