दिल्ली 2020 दंगे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, कहा- पूर्व नियोजित साजिश थी, पल भर का आवेश नहीं | 2020 riots in Delhi were pre-planned conspiracy: High Court

दिल्ली 2020 दंगे को लेकर सुप्रीम कोर्ट का बड़ा बयान, कहा- पूर्व नियोजित साजिश थी, पल भर का आवेश नहीं

पूर्व नियोजित साजिश थी, पल भर का आवेश नहीं! 2020 riots in Delhi were pre-planned conspiracy: High Court

:   Modified Date:  November 29, 2022 / 07:58 PM IST, Published Date : September 28, 2021/1:46 am IST

Big statement of Supreme court

नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली दंगों से संबंधित एक मामले में एक आरोपी को जमानत देने से इनकार कर दिया। अदालत ने कहा कि ‘‘शहर में कानून-व्यवस्था को बिगाड़ने के लिए यह पूर्व नियोजित साजिश’’ थी और ये घटनाएं ‘‘पल भर के आवेश में नहीं हुईं।’’

Read More: छुपा रहे कोरोना मौत से ​आंकड़े? 50 हजार रुपए आर्थिक सहायता के लिए भेजी गई सूची में कई मृतकों के नाम गायब

न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद ने दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की कथित हत्या से संबंधित मामले में आरोपी मोहम्मद इब्राहिम द्वारा दाखिल जमानत याचिका पर विचार करते हुए कहा कि घटनास्थल के आसपास के इलाकों में सीसीटीवी कैमरों को व्यवस्थित रूप से नष्ट कर दिया गया।

Read More: सड़क किनारे बैठे वैद्य से जड़ी-बूटी लेने से पहले सोच लें 100 बार, एक युवक की हो गई मौत, दूसरा पहुंचा अस्पताल

अदालत ने कहा, ‘‘फरवरी 2020 में देश की राष्ट्रीय राजधानी को हिला देने वाले दंगे स्पष्ट रूप से पल भर में नहीं हुए, और वीडियो फुटेज में मौजूद प्रदर्शनकारियों का आचरण, जिसे अभियोजन पक्ष द्वारा रिकॉर्ड में रखा गया है, स्पष्ट रूप से चित्रित करता है। यह सरकार के कामकाज को अस्त-व्यस्त करने के साथ-साथ शहर में लोगों के सामान्य जीवन को बाधित करने के लिए सोचा-समझा प्रयास था।’’

Read More: धर्मांतरण को लेकर भाजपा कल करेगी मुख्यमंत्री निवास का घेराव, कार्यकर्ता देंगे अपनी गिरफ्तारी

इब्राहिम की जमानत याचिका को खारिज करते हुए, अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता को तलवार के साथ दिखाने वाला उपलब्ध वीडियो फुटेज ‘‘काफी भयानक’’ था और उसे हिरासत में रखने के लिए पर्याप्त है। याचिकाकर्ता इब्राहिम को दिसंबर 2020 में गिरफ्तार किया गया था और तब से वह न्यायिक हिरासत में है। उसने इस आधार पर जमानत मांगी थी कि उसने कभी भी किसी विरोध प्रदर्शन या दंगों में भाग नहीं लिया था।

Read More: छत्तीसगढ़ में भारत बंद का दिखा मिला-जुला असर, 40 संगठनों ने दिया था अपना समर्थन

 
Flowers