खुल गई पाक की ना’पाक’ पोल! 26/11 हमले के मास्टरमाइंड को छिपा कर रखा, ISI ने किया था मौत का दावा

26/11 Attack Mastermind Arrested : खुल गई पाक की ना'पाक' पोल! 26/11 हमले के मास्टरमाइंड को छिपा कर रखा, ISI ने किया था मौत का दावा

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  • Publish Date - June 25, 2022 / 07:37 AM IST,
    Updated On - November 29, 2022 / 08:04 PM IST

26/11 Attack Mastermind : नई दिल्ली। 2008 में हुए मुंबई हमले का मास्टरमाइंड आज पकड़ा गया। इससे पहले कुख्तात पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) ने एफबीआई की ओर से मोस्ट वांटेड घोषित साजिद को मरा हुआ बताया था। ISI ने मोस्ट वांटेड साजिद की मौत होने का दावा किया था। मिली जानकारी के मुताबिक FATF की ग्रे लिस्ट से निकलने के लिए पाकिस्तान ने साजिद मीर को सजा दिलाने का सिर्फ नाटक किया।>>*IBC24 News Channel के WhatsApp  ग्रुप से जुड़ने के लिए Click करें*<<

पाकिस्तान में है साजिद मीर

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एफबीआई (FBI) के एक अधिकारी ने बताया है कि मीर पाकिस्तान में जिंदा है, हिरासत में है और उसे सजा सुनाई गई है। मीर को मोस्ट वांटेड सूची में शामिल करते हुए एफबीआई ने 2011 में उस पर 50 लाख डॉलर का इनाम रखा था। बता दें अमेरिका और भारत दोनों ही एक दशक से उसे खोज रहे हैं। लश्कर सरगना हाफिज सईद के करीब साजिद को मुंबई हमले की योजना बनाने वाले डेविड कोलमैन हेडली और अन्य आतंकवादियों का हैंडलर माना जाता है।

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2018 से ही ग्रे लिस्ट में है पाकिस्तान

दरअसल, खुद साजिद आतंकवाद के खिलाफ काम कर रहा था, इसकी वजह से पाकिस्तान मीर को गिरफ्तार करना चाहता था। जिसके बाद पाकिस्तान ने मीर पर 50 लाख डॉलर का इनाम रख कर उसे गिरफ्तार कर लिया। साजिद मीर की इस गिरफ्तारी को FATF की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की प्लानिंग कहा जा रहा है।

बता दें पाकिस्तान जून 2018 से ही एफएटीएफ की ग्रे सूची में शामिल है। इस बार जर्मनी में हुई बैठक में एफएटीएफ ने कहा था कि वह पाकिस्तान का जमीनी परीक्षण करने के बाद उसे ग्रे सूची से बाहर करने का फैसला करेगी। ऐसे में पाकिस्तान दिखाना चाहता है कि वह आतंकवाद के खिलाफ खुलकर काम कर रहा है।

आतंकियों को रिक्रूट करता मीर

26/11 का मुख्य मास्टरमाइंड साजिद मीर 2010 तक लश्कर-ए-ताइबा के ऑपरेशन चीफ जकी-उर-रहमान लखवी की सुरक्षा का जिम्मा संभालता था। वह विदेश में न सिर्फ आतंकियों को रिक्रूट करता था बल्कि पाकिस्तान में आतंकवादी शिविर चलाता था। वह आईएसआई (ISI) के इंडियन मुजाहिदीन ऑपरेशन का भी हिस्सा था, जिसे कराची प्रोजेक्ट कहा जाता था।

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