Sikkim Flood Update: 7 जवानों समेत 26 लोगों ने गंवाई जान, सिक्किम में अभी भी जारी है रेस्क्यू अभियान
Sikkim Flood Update: सैलाब इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। इस दौरान हजारों मकान बाढ़ में बह गए और पूरा शहर मलबे में
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नई दिल्ली : Sikkim Flood Update: सैलाब इतनी तेजी से आया कि लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। इस दौरान हजारों मकान बाढ़ में बह गए और पूरा शहर मलबे में तब्दील हो गया। हजारों लोग अब भी अलग-अलग इलाकों में फंसे हुए हैं, जिन्हें सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, जिसमें आर्मी, वायुसेना, NDRF और SDRF के साथ ITBP की टीमें भी दिन-रात जुटी हुई हैं। सिक्किम में तबाही के कारण सेना के 7 जवानों समेत 26 शव बरामद हुए हैं। वहीं, लापता 142 लोगों की सेना-NDRF की टीम खोज कर रही है। इस बीच, मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रुपये मदद देने का ऐलान किया गया है।सिक्किम में 3 अक्टूबर को बादल फटने से तबाही आई।
सेना के जवान बने देवदूत
इस बीच ITBP के रेस्क्यू ऑपरेशन का एक हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। दरअसल, उत्तरी सिक्किम इलाके में 16 हजार फीट की ऊंचाई पर बाढ़ की वजह से 68 लोग तीन दिन से फंसे हुए थे। इन्हें सुरक्षित निकालना बड़ी चुनौती बन गया था. तभी ITBP के जवान इन लोगों के लिए देवदूत बनकर आए। ITBP ने रस्सी की मदद से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और सभी 68 लोगों को सुरक्षित निकाल लिया।
सिक्किम में रेस्क्यू ऑपरेशन अभी भी जारी
Sikkim Flood Update: बाढ़ और बर्बादी के बीच सेना भी राहत और बचाव काम में जुटी हुई है। राज्य में कई जगहों पर राहत कैंप भी चलाए जा रहे हैं जिसमें लोगों के इलाज के साथ उनके खाने पीने के इंतजाम भी किए गए हैं। खबर है कि लाचेन और लाचुंग में तीन हजार से ज्यादा पर्यटक फंसे हुए हैं, जिनका रेस्क्यू सेना और वायुसेना के जरिए किया जा रहा है।
सिक्किम में दिख रहा तबाही का मंजर
राज्य में तीस्ता नदी में तीन दिन पहले आई बाढ़ से हुई तबाही का मंजर अब भी दिखाई दे रहा है। बादल फटने के बाद तीस्ता नदी ने इतना विकराल रूप लिया कि तेज धार में कई गाड़ियां बह गईं, जो बचीं वो ऊपर तक मलबे में डूब गई हैं। सैलाब आए तीन दिन बीत गए हैं लेकिन बर्बादी के निशान अब भी दिखाई दे रहे हैं। मलबा इतना ज्यादा है कि सड़क तो सड़क मकान की पहली मंजिल तक दब चुकी है।
हर तरफ नजर आ रहा कीचड़
Sikkim Flood Update: तबाही के 3 दिन बाद भी सड़कों पर कीचड़ ही कीचड़ नजर आ रहा है। हालत ये है कि मलबा जमा होने के कारण लोगों के घरों के गेट भी जाम हो गए हैं। लोग सीढ़ियों की मदद से घर में आ-जा रहे हैं। दरअसल अचानक आई बाढ़ से लोगों में हड़कंप मच गया था, जिसके हाथ जो आया वो उसे लेकर सुरक्षित जगहों की तरफ बढ़ गया था।
लापता लोगों की तलाश कर रही रेस्क्यू टीम
Sikkim Flood Update: हालांकि हर कोई खुशकिस्मत नहीं था इसीलिए कई लोग सैलाब में फंस गए थे। इनमें सेना के 22 जवान भी शामिल थे, जिनमें से 7 के शव बरामद हो गए हैं जबकि 15 की तलाश अब भी जारी है। इस बीच रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान सेना की उस गाड़ी को बरामद कर लिया गया जो सैलाब में बह गई थी। लापता लोगों की तलाश और सड़कों से मलबा हटाने के लिए JCB मशीनों का सहारा लिया जा रहा है। रेस्क्यू ऑपरेशन में खोजी कुत्तों की भी मदद ली जा रही है। सिक्किम के मुख्यमंत्री प्रेम सिंह तमांग हालात पर निगाह रखे हुए हैं। वो लगातार प्रभावित इलाकों का दौरा कर रहे हैं और राहत कामों पर निगाह बनाए हुए हैं।
सिक्किम में आई तबाही की वजह बादल फटने के साथ चुंगथांग बांध के टूटने को भी बताया जा रहा है। सिक्किम के मुख्यमंत्री ने बांध टूटने के लिए राज्य की पिछली सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। इस बीच केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सिक्किम में हुए नुकसान के आंकलन के लिए एक कमेटी बनाने का फैसला किया है। केंद्र सरकार ने 44 करोड़ रुपये की फौरी मदद की मंजूरी दी है। हालांकि, सिक्किम में तीस्ता नदी ने जो तबाही मचाई है, जितना नुकसान राज्य के संसाधन का हुआ है, उससे उबरने में अभी लंबा वक्त लगेगा।

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