3 PWD engineers suspended in Uttarakhand || Image- IBC24 News File
3 PWD engineers suspended in Uttarakhand: देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चमोली जिले के थराली में निर्माणाधीन पुल को हुए नुकसान के मामले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।
BREAKING: 60-meter bridge collapses mid-construction in Ratgaon, Tharali.
~ 3 PWD engineers suspended for negligence. Comes days after Dhami Govt cracked down on 12 IAS & IPS officers.Uttarakhand CM @PushkarDhami sending a loud message : No room for Corruption👏🏼 pic.twitter.com/iq7H2vKVLj
— The Analyzer (News Updates🗞️) (@Indian_Analyzer) June 5, 2025
इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर निलंबन आदेश जारी किए। विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।
अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाना चाहिए और प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ‘पर्यावरण योद्धाओं’ को सम्मानित भी किया।
3 PWD engineers suspended in Uttarakhand: गौरतलब है कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में थराली तहसील के रतगांव के ढाढ़रबगड़ गदेरे में बने PWD द्वारा बनाया गया वैली ब्रिज अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं मजदूरों ने आज जैसे ही पुल के सपोर्ट और वर्थ हटाए, वैसे ही पूरा पुल नदी में जा गिरा। बताया गया कि, 2 महीने पहले ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वहीं मामले में लोक निर्माण विभाग के अफसर के निर्देश पर अवर अभियंता ने थाना थराली में ठेकेदार के खिलाफ की तहरीर दी। जिसके बाद थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।
बता दें कि, इस पुल की लंबाई 60 मीटर थी और इसे लगभग 2 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था। चार हजार से अधिक जनसंख्या को जोड़ने वाले पुल से ढहने से अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बताया गया कि, इस लापरवाही के बाद ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट एक साथ हटा दिए गए।
वहीं इस पुल को बनाने की स्वीकृति सरकार ने 2024 में दी थी। जिसका निर्माण कार्य दो महीने पहले ही शुरू हुआ था और पुल का काम भी लगभग पूरा हो चुका था लेकिन पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। अब पुल को फिर खोलकर नए सिरे से इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है।