PWD Engineers Suspended: लोक निर्माण विभाग के 3 इंजीनियर सस्पेंड.. CM ने खुद दिया था विभाग को कार्रवाई का आदेश, ये है वजह

इस पुल को बनाने की स्वीकृति सरकार ने 2024 में दी थी। जिसका निर्माण कार्य दो महीने पहले ही शुरू हुआ था और पुल का काम भी लगभग पूरा हो चुका था लेकिन पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। अब पुल को फिर खोलकर नए सिरे से इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है।

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  • Publish Date - June 5, 2025 / 10:38 PM IST,
    Updated On - June 5, 2025 / 10:38 PM IST

3 PWD engineers suspended in Uttarakhand || Image- IBC24 News File

HIGHLIGHTS
  • थराली में निर्माणाधीन बैली ब्रिज ढहने पर तीन पीडब्ल्यूडी इंजीनियर निलंबित किए गए।
  • पुल का निर्माण दो महीने पहले शुरू हुआ था, लागत लगभग 2.80 करोड़ रुपए थी।
  • ठेकेदार की लापरवाही से पुल का सपोर्ट हटते ही पूरा ढांचा नदी में गिर गया।

3 PWD engineers suspended in Uttarakhand: देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चमोली जिले के थराली में निर्माणाधीन पुल को हुए नुकसान के मामले में लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के तीन इंजीनियरों को निलंबित कर दिया है।

Uttarakhand Tharali bridge accident

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इस संबंध में जारी विज्ञप्ति में कहा गया है कि लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज कुमार पांडे ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर निलंबन आदेश जारी किए। विज्ञप्ति के अनुसार, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में राज्य में पारदर्शी और जवाबदेह शासन की दिशा में ठोस और निर्णायक कदम उठाए जा रहे हैं।

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि राज्य को भ्रष्टाचार मुक्त बनाया जाना चाहिए और प्रशासन में जवाबदेही सुनिश्चित की जानी चाहिए।
इस बीच, मुख्यमंत्री धामी ने गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर पर्यावरण में उल्लेखनीय योगदान देने वाले ‘पर्यावरण योद्धाओं’ को सम्मानित भी किया।

3 PWD engineers suspended in Uttarakhand: गौरतलब है कि, उत्तराखंड के चमोली जिले में थराली तहसील के रतगांव के ढाढ़रबगड़ गदेरे में बने PWD द्वारा बनाया गया वैली ब्रिज अचानक क्षतिग्रस्त हो गया। वहीं मजदूरों ने आज जैसे ही पुल के सपोर्ट और वर्थ हटाए, वैसे ही पूरा पुल नदी में जा गिरा। बताया गया कि, 2 महीने पहले ही इस पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ था। वहीं मामले में लोक निर्माण विभाग के अफसर के निर्देश पर अवर अभियंता ने थाना थराली में ठेकेदार के खिलाफ की तहरीर दी। जिसके बाद थाना अध्यक्ष पंकज कुमार ने बताया कि मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

बता दें कि, इस पुल की लंबाई 60 मीटर थी और इसे लगभग 2 करोड़ 80 लाख रुपए की लागत से बनाया गया था। चार हजार से अ​धिक जनसंख्या को जोड़ने वाले पुल से ढहने से अब काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा। बताया गया कि, इस लापरवाही के बाद ठेकेदार के श्रमिकों की ओर से बैली ब्रिज के बर्थ (रस्से) और सपोर्ट एक साथ हटा दिए गए।

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वहीं इस पुल को बनाने की स्वीकृति सरकार ने 2024 में दी थी। जिसका निर्माण कार्य दो महीने पहले ही शुरू हुआ था और पुल का काम भी लगभग पूरा हो चुका था लेकिन पुल भार नहीं झेल सका और टूटकर गदेरे में जा गिरा। अब पुल को फिर खोलकर नए सिरे से इसका निर्माण कार्य किया जा रहा है।

1. थराली पुल कैसे गिरा और इसका क्या कारण था?

यह पुल निर्माणाधीन था और जैसे ही मजदूरों ने सपोर्ट हटाया, पुल भार नहीं सह सका और ढह गया। माना जा रहा है कि तकनीकी खामी और लापरवाही प्रमुख कारण थे।

2. इस दुर्घटना में सरकार की क्या कार्रवाई रही?

उत्तराखंड सरकार ने त्वरित कार्रवाई करते हुए पीडब्ल्यूडी के 3 इंजीनियरों को निलंबित किया और ठेकेदार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया।

3. क्या इस पुल का निर्माण फिर से होगा?

हां, सरकार ने इस पुल के पुनर्निर्माण की प्रक्रिया शुरू कर दी है और निर्माण कार्य दोबारा प्रारंभ किया जा रहा है।