7th Pay Commission: मोदी सरकार ने कर्मचारियों को दिया होली का तोहफा, इस भत्ते में बढ़ाए 8000 रुपए
मोदी सरकार ने कर्मचारियों को दिया होली का तोहफा! 7th Pay Commission: Modi Government Hikes 8000 Salary of Govt Employees
नई दिल्ली: Hikes 8000 Salary होली से पहले बड़ी सौगात कां इंतजार कर रहे सरकारी कर्मचारियों को आखिरकार मोदी सरकार ने तोहफा दे ही दिया। मोदी सरकार ने रक्षा नागरिक कर्मचारियों के जोखिम भत्ता बढ़ाने की मांग पर मुहर ला दी है। वहीं, ये नवंबर 2020 महीने से लागू मानी जाएगी। बता दें कि यह भत्ता अलग-अलग पोस्ट के हिसाब से होता है। यानी ये भत्ता आपकी पोस्ट के आधार पर मिलता है। सरकार ने सालाना आधार पर रिस्क अलाउंस को करीब 1000 रुपये से बढ़ाकर 8000 रुपए कर दिया गया है।
Hikes 8000 Salary वर्तमान में जोखिम भत्ता खतरनाक नौकरियों में लगे कर्मचारियों को दिया जाता है या जिनके काम का समय के साथ स्वास्थ्य पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। रक्षा नागरिक कर्मचारियों के मामले में उन्हें अकुशल श्रमिकों, अर्ध-कुशल श्रमिकों, कुशल श्रमिकों, नाइट्रो ग्लिसरीन तैयार करने में लगे अराजपत्रित अधिकारी और नाइट्रो ग्लिसरीन की तैयारी में लगे राजपत्रित अधिकारियों के रूप में अलग-अलग वर्ग में डाला गया है। इसका पेमेंट भूमिगत नालों, सीवर लाइनों की सफाई में लगे सफाई कर्मचारियों और सफाई कर्मचारियों के साथ-साथ ट्रेंचिंग ग्राउंड और संक्रामक रोग अस्पतालों में काम करने वाले कर्मचारियों को भी किया जाता है।
भारत सरकार में अंडर सेक्रेटरी विमला विक्रम के अनुसार रक्षा विभाग के असैनिक कर्मचारियों के जोखिम भत्ते को उनकी श्रेणी के आधार पर बढ़ाया गया है। अब अकुशल कर्मियों को 90 रुपये प्रति माह का जोखिम भत्ता दिया जाएगा। जबकि सेमी-कुशन कर्मियों को 135 रुपये, कुशल कर्मियों को 180 रुपये, अराजपत्रित अधिकारी को 408 रुपये और राजपत्रित अधिकारी को 675 रुपये प्रति माह मिलेगा। यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि यह भत्ता केवल उन नागरिक कर्मचारियों के लिए होगा जो इसके हकदार हैं। यह बढ़ोतरी 3 नवंबर 2020 से लागू मानी जाएगी।
एच एस अखिल भारतीय लेखा समिति के महासचिव तिवारी ने कहा कि सरकार रक्षा विभाग के कुछ सिविल कर्मचारियों को जोखिम भत्ता देती है। यह पोस्ट के अनुसार बदलता रहता है। चूंकि इसे 2020 से लागू किया गया है, इसलिए कर्मचारियों को भी अच्छा बकाया मिलेगा। तिवारी के मुताबिक 7वां वेतनमान लागू होने के समय जोखिम भत्ता भी तय किया गया था और समय-समय पर इसे बढ़ाया जाता रहा है।

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