आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार से दिल्ली में शुरू होगी

आरएसएस के प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय बैठक शुक्रवार से दिल्ली में शुरू होगी

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  • Publish Date - July 3, 2025 / 09:26 PM IST,
    Updated On - July 3, 2025 / 09:26 PM IST

नयी दिल्ली, तीन जुलाई (भाषा) राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय प्रचार एवं मीडिया विभाग के प्रमुख सुनील आंबेकर ने बृहस्पतिवार को कहा कि शुक्रवार से शुरू हो रही प्रांत प्रचारकों की तीन दिवसीय वार्षिक बैठक में देश भर में हिंदू सम्मेलनों समेत विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना पर व्यापक चर्चा की जाएगी।

उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि बैठक में संगठन की विभिन्न इकाइयों द्वारा अब तक किए गए कार्यों की समीक्षा की जाएगी और भविष्य के लिए योजनाएं तैयार की जाएंगी।

आंबेकर ने कहा कि तीन दिवसीय बैठक की अध्यक्षता आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और महासचिव दत्तात्रेय होसबाले करेंगे।

बैठक में आरएसएस के सभी संयुक्त महासचिव, कार्य विभागों के प्रमुख और भाजपा समेत आरएसएस से जुड़े 32 संगठनों के राष्ट्रीय संगठनात्मक सचिव मौजूद रहेंगे।

आंबेकर ने कहा, ‘बैठक मुख्य रूप से संगठनात्मक मामलों पर केंद्रित होगी। यह निर्णय लेने के लिए होने वाली बैठक नहीं है। चर्चा विभिन्न ‘प्रांतों’ में संगठनात्मक कार्यों की प्रगति और अनुभवों के इर्द-गिर्द रहेगी। बैठक में विभिन्न कार्य विभागों के कामकाज पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।’

उन्होंने कहा कि प्रांत प्रचारक, सह-प्रांत प्रचारक, क्षेत्र प्रचारक और सह-क्षेत्र प्रचारक समेत कुल 233 आरएसएस कार्यकर्ता बैठक में भाग लेंगे।

आरएसएस के संगठनात्मक ढांचे के अनुसार, कुल 11 क्षेत्र और 46 प्रांत हैं। प्रत्येक क्षेत्र में आरएसएस के तीन से चार प्रांत शामिल हैं। प्रचारक आरएसएस के पूर्णकालिक कार्यकर्ता होते हैं।

इस साल विजयादशमी पर आरएसएस की स्थापना के 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। विजय दशमी दो अक्टूबर को है।

आंबेकर ने कहा कि आरएसएस के शताब्दी वर्ष के दौरान इसके कार्य और पहुंच को और अधिक बढाने के लिए देश भर में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई गई है।

उन्होंने कहा, ‘सभी प्रांतों ने शताब्दी वर्ष के लिए अपनी-अपनी योजनाएं तैयार कर ली हैं, जिन पर बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी।’

उन्होंने कहा कि बैठक में शताब्दी वर्ष के कार्यक्रमों पर भी चर्चा होगी।

भाषा जोहेब माधव

माधव

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