अमरावती। Andhra Housing Beneficiaries: आंध्र प्रदेश सरकार द्वारा दो साल पहले मकान के लिए दी गई जमीन को 95 हजार से अधिक महिला लाभार्थियों ने अस्वीकार कर दिया है और सरकारी योजना के तहत घर बनाने से विभिन्न कारणों की वजह से इनकार कर दिया है। अधिकारियों ने बताया कि लाभार्थियों ने इसकी जगह वैकल्पिक जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया है क्योंकि प्रस्तावित जमीन या तो बस्तियों से दूर है या कब्रिस्तानों के नजदीक है। इससे सरकार के समक्ष असंमजस की स्थित पैदा हो गई है क्योंकि वैकल्पिक जमीन तलाशने के लिए उसे 800 करोड़ रुपये खर्च करने पड़ेंगे।
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आवास विभाग के शीर्ष अधिकारी ने बताया, कि ‘‘ अगर हम लाभार्थियों की मांग को पूरी करते हैं तो हमें इन लोगों के लिए निजी काश्तकारों से करीब दो हजार एकड़ से अधिक जमीन अधिग्रहीत करनी पड़ेगी। इससे पहले आवंटित जमीन सरकारी थी।’’ विभाग के अधिकारियों ने मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी को हाल में सूचित किया कि 95,106 लाभार्थियों ने मकान के लिए आवंटित जमीन को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। विशेष मुख्य सचिव अजय जैन ने हालांकि दावा किया कि इस तरह की समस्या महज 50 हजार लाभार्थियों के मामलों में है।
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उन्होंने कहा, कि ‘‘हमने जिलाधिकारियों से सर्वे कर मकानों के लिए वैकल्पिक स्थान की पहचान करने को कहा है। सर्वेक्षण के बाद वे भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा करेंगे और लाभार्थियों को जमीन आवंटित करेंगे।’’ जैन ने रेखांकित किया, ‘‘केवल 1.5 प्रतिशत मामलों में ही लाभार्थियों ने विभिन्न कारणों से वैकल्पिक जमीन आवंटित करने का अनुरोध किया है। हमने यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में लाया है जिन्होंने लाभार्थियों के शत प्रतिशत संतोष के लिए वैकल्पिक स्थान मुहैया कराने को कहा है।’’ इस बीच, सरकार प्रकाशम व अनंतपुरमु के अन्य 24,068 लाभार्थियों के लिए अनुमानित 251 करोड़ रुपये की लागत से करीब 600 एकड़ जमीन आवंटित करने जा रही है क्योंकि पूर्व में आवंटित जमीन का मामला अदालत में है।